राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (NLFC) और भूसंकेत वेब पोर्टल

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने GSI के धारित्री परिसर (साल्ट लेक सिटी, कोलकाता) में राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र (National Landslide Forecasting Centre: NLFC) का उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री ने भूसंकेत वेब पोर्टल (Bhusanket Web Portal) और भूस्खलन मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया।

NLFC भारत में भूस्खलन के खतरे को कम करने के उद्देश्य से एक अग्रणी पहल है। इस उद्घाटन के तुरंत बाद, कलिम्पोंग, दार्जिलिंग और नीलगिरि जिलों के निवासियों को 20 जुलाई 2024 से उनके साथ साझा की जाने वाली लाइव पूर्वानुमान रिपोर्ट का लाभ मिलना शुरू हो गया।

यह नियत समय में  भूस्खलन से प्रभावित सभी राज्यों के लिए अर्ली वार्निंग बुलेटिन जारी करेगा। 2030 तक देश भर में क्षेत्रीय भूस्खलन अर्ली वार्निंग सिस्टम (LEWS) का संचालन करेगा।

एडवांस तकनीक से लैस, NLFC स्थानीय प्रशासन और समुदायों को प्रारंभिक जानकारी प्रदान करेगा, भूस्खलन सूची को अपडेट करेगा, और अधिक पूर्वानुमान सटीकता के लिए रियल टाइम की वर्षा और ढलान अस्थिरता डेटा को एकीकृत करेगा।  

भूसंकेत वेब पोर्टल आपदा जोखिम न्यूनीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह वेब पोर्टल भूस्खलन (landslide) के खतरों पर प्रासंगिक डेटा और सूचना के प्रसार की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे देश में शॉर्ट रेंज और मेडियम रेंज के भूस्खलन पूर्वानुमान (landslide forecasting) की शुरुआत होगी।

भूसंकेत वेब पोर्टल के साथ एकीकृत, यूजर्स फ्रेंडली भूस्खलन मोबाइल ऐप दैनिक भूस्खलन पूर्वानुमानों के त्वरित प्रसार को सक्षम करेगा और हितधारकों को भूस्खलन की घटनाओं पर स्थानिक और सामयिक जानकारी साझा करने और अपडेट करने की अनुमति देगा।

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