NCERT को डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के 63वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी (Deemed-to-be-University) का दर्जा दिया गया है।

NCERT को डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी दर्जा का महत्व

NCERT ने अनुसंधान, सक्रिय रूप से स्कूली शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और वयस्क साक्षरता को साकार करने में एक उत्कृष्ट उपस्थिति प्रदर्शित की है। NCERT के अनुसंधान विश्वविद्यालय बनने पर यह वैश्विक सहयोग और वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य में योगदान के अवसर प्रदान करेगा।

स्कूली शिक्षा के लिए शीर्ष संगठन के रूप में, NCERT शैक्षिक अनुसंधान और नवाचार, पाठ्यक्रम विकास और पाठ्य और शिक्षण-सीखने की सामग्री के विकास सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का संचालन करता है।

NCERT को ‘डी नोवो’ श्रेणी में डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी (De-Novo deemed university) का दर्जा दिया गया है।

डी-नोवो डीम्ड यूनिवर्सिटी एक ऐसी संस्था है जो डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी के रूप में एक नई संस्था स्थापित करने के लिए UGC को आवेदन कर सकती है, जो ज्ञान के अनूठे और उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान करेगी जो किसी भी मौजूदा संस्थान द्वारा पेश नहीं किए जाते हैं।

डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने से, NCERT शिक्षकों को अपनी डिग्री देने में सक्षम हो जाएगी और यह तय कर सकेगी कि वह शिक्षकों को कौन से कोर्स कराना चाहता है।

वर्तमान में, NCERT के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरईआई) द्वारा प्रस्तावित स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल; एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर; मैसूर विश्वविद्यालय, उत्कल विश्वविद्यालय वनेश्वर और नॉर्थ-ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय शिलांग जैसे स्थानीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं।

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