भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक – 61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन
केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने 16 अक्टूबर को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक – 61 BOBRNALHSM1 का उद्घाटन किया। यह रेक बिलासपुर तक जाती है।
यह रेक ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए एक समर्पित प्रयास है क्योंकि इसे RDSO, हिंडाल्को और बेस्को वैगन के सहयोग से स्वदेशी रूप से पूरी तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है।
एल्युमिनियम फ्रेट रेक: प्रमुख विशेषताएं एवं लाभ
रेक को बिना वेल्डिंग के पूरी तरह से लॉकबोल्टेड तरीके से निर्माण किया गया है।
इसका टेयर (tare) सामान्य स्टील रेक से 3.25 टन कम है और इसकी अतिरिक्त वहन क्षमता 180 टन की है जिसके परिणामस्वरूप प्रति वैगन थ्रूपुट- क्षमता अपेक्षाकृत अधिक है।
टेयर के अनुपात में उच्च पेलोड 2.85 है। टेयर कम होने से कार्बन उत्सर्जन कम होगा क्योंकि खाली दिशा में ईंधन की खपत कम होगी और लोडेड स्थिति में माल ढुलाई अधिक होगी।
एक अकेला रेक अपने जीवनकाल में 14,500 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बचा सकता है।
इस रेक का पुनर्विक्रय मूल्य 80 प्रतिशत है।
इसकी लागत 35 प्रतिशत अधिक है क्योंकि इसका निर्माण पूरी तरह एल्यूमीनियम से किया गया है।
उच्च संक्षारण और घर्षण प्रतिरोध (corrosion and abrasion resistance) के कारण कम रखरखाव लागत आयेगी।
लौह उद्योग निकेल और कैडमियम की बहुत अधिक खपत करता है, जो आयात से आता है। इसलिए, एल्युमीनियम वैगनों के प्रसार के परिणामस्वरूप कम आयात होगा। वहीं, यह स्थानीय एल्युमीनियम उद्योग की दृष्टि से भी लाभकारी है।