सेबी ने म्यूचुअल फंड में पारदर्शिता के लिए इन्फॉर्मेशन रेश्यो का प्रस्ताव किया
शेयर बाजार विनियामक सेबी (SEBI) ने प्रस्ताव दिया है कि सभी म्यूचुअल फंड को निवेश पर केवल रिटर्न ही नहीं बताना होगा बल्कि जोखिम-समायोजित रिटर्न (risk-adjusted return) के बारे में भी बताना होगा। इस जोखिम-समायोजित रिटर्न को ‘सूचना अनुपात’ (information ratio) के रूप में दर्ज किया जाना है।
इन्फॉर्मेशन रेश्यो यह दर्शाता है कि कोई म्यूच्यूअल फंड अपने बेंचमार्क की तुलना में अपने द्वारा उठाए गए अतिरिक्त जोखिम की तुलना में कितना अतिरिक्त रिटर्न प्राप्त करता है।
इन्फॉर्मेशन रेश्यो का उपयोग अक्सर पोर्टफोलियो मैनेजर के कौशल के स्तर और बेंचमार्क के सापेक्ष अतिरिक्त रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता के माप के रूप में किया जाता है, लेकिन यह गणना में ट्रैकिंग त्रुटि, या मानक विचलन घटक को शामिल करके प्रदर्शन की स्थिरता की पहचान करने का भी प्रयास करता है।
दरअसल एक निवेशक किसी म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले रिटर्न के आधार पर निवेश का विकल्प का चुनता है। यदि फंड A, जिसने पिछले पांच सालों में लगातार सामान्य रिटर्न दिया है, और फंड B, जिसने पिछले साल काफी अधिक रिटर्न दिया है, तो जाहिर है निवेशक फंड B की हालिया रिटर्न के आधार पर उसमें निवेश करे, हालांकि, इस रिटर्न से जुड़े हाई रिस्क के बारे में उसे नहीं बताया गया हो और भविष्य में उसे नुकसान उठाना पड़े। इसी को ध्यान में रखते हुए सेबी ने इन्फॉर्मेशन रेश्यो डिस्क्लोजर को अनिवार्य किया है।