Limited Purpose Clearing Corporation: सेबी ने LPCC के लिए एक विवाद समाधान तंत्र की शुरुआत की है

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (SEBI) ने सीमित प्रयोजन समाशोधन निगम (Limited Purpose Clearing Corporation: LPCC) के निपटान गारंटी कोष (Settlement Guarantee Fund) के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क जारी किया है।

डेब्ट सिक्युरिटीज के पात्र जारीकर्ताओं फंड संग्रह करके इस कोष का निर्माण किया जायेगा।  

साथ ही SEBI ने LPCC के लिए एक विवाद समाधान तंत्र (dispute resolution mechanism) की शुरुआत भी की, ताकि उसके द्वारा किए गए लेन-देन से उत्पन्न होने वाले विवादों और दावों का निपटारा किया जा सके।

क्लीयरिंग सदस्यों के बीच विवाद; क्लीयरिंग सदस्यों और उनके ग्राहकों के बीच विवाद; LPCC और उसके वेंडर्स के बीच मतभेद; और क्लीयरिंग सदस्यों या उसके ग्राहकों और LPCC के बीच विवाद  को निपटाने के लिए इस मैकेनिज्म का उपयोग किया जाएगा।

क्या है LPCC?

LPCC एक प्रकार का संगठन है जो क्लीयरिंग प्रोसेस का प्रबंधन करने और रेपो लेनदेन के निपटान के लिए बनाया गया है।

 बता दें कि सितंबर 2020 में अपनी बोर्ड बैठक में, सेबी ने LPCC की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

AMC रेपो क्लियरिंग लिमिटेड (ARCL) को सेबी द्वारा LPC के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।  

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी ARCL को एक सीमित उद्देश्य के साथ क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन के रूप में कार्य करने और डेब्ट सिक्योरिटी में रेपो लेनदेन के लिए सेंटर कॉउंटरपार्टी सर्विसेज की पेशकश करने के लिए आवश्यक मंजूरी प्रदान किया था।

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