वैज्ञानिकों ने पहली बार मानव के Y गुणसूत्र को पूर्ण रूप से अनुक्रमित किया
वैज्ञानिकों ने पहली बार Y क्रोमोसोम को पूरी तरह से सीक्वेंस्ड किया है, जिससे ऐसी जानकारी सामने आई है जिसका पुरुष बांझपन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के अध्ययन पर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रमुख तथ्य
वैज्ञानिकों ने Y क्रोमोसोम के पूर्ण डीएनए सीक्वेंस को पढ़ने के लिए एडवांस सिक्वेंसिंग प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया। बता दें कि मनुष्य की प्रत्येक कोशिका में आमतौर पर लिंग गुणसूत्रों की एक जोड़ी होती है।
जिन लोगों को जन्म के समय पुरुष निर्धारित किया जाता है उनमें एक X और एक Y गुणसूत्र होता है, जबकि जिन लोगों को जन्म के समय महिला निर्धारित किया जाता है उनमें दो X गुणसूत्र होते हैं।
Y क्रोमोसोम अनुक्रम द्वारा प्रदान की गई अधिक विस्तृत जानकारी से गुणसूत्र से जुड़ी स्थितियों और बीमारियों का अध्ययन करना आसान हो जाएगा, जैसे शुक्राणु उत्पादन में कमी जो बांझपन का कारण बनती है।
Y गुणसूत्र बहुत छोटा होता है। इसमें संभवतः 50 से 60 जीन होते हैं और यह कोशिका के कुल डीएनए का 2% प्रतिनिधित्व करता है।
महिलाओं की कोशिकाओं में दो X गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुषों में एक X और एक Y होता है। चूँकि केवल पुरुषों में Y गुणसूत्र होता है, इस गुणसूत्र पर जीन पुरुष लिंग निर्धारण और विकास में शामिल होते हैं।
Y गुणसूत्र अपनी अत्यधिक दोहरावदार संरचना (repetitive structure) के लिए जाना जाता है।
बहुत से लोगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी कुछ कोशिकाओं में Y गुणसूत्र कम होने लगते हैं, विशेष रूप से वे कोशिकाएं जिनमें तेजी से बदलाव होता है, जैसे कि रक्त कोशिकाएं।
वैज्ञानिक कभी भी पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसका किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, हालांकि हाल के दो वैज्ञानिक शोध पत्रों में इस घटना को मूत्राशय के कैंसर की बढ़ती गंभीरता और हृदय रोग के अधिक जोखिम के साथ जोड़ा गया है। संपूर्ण Y गुणसूत्र आनुवंशिक संदर्भ होने से वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को इस संभावित लिंक का और पता लगाने में मदद मिल सकती है।