शांतिनिकेतन (Santiniketan): यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन (Santiniketan) को 17 सितंबर 2023 को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (UNESCO’s World Heritage List) में शामिल किया गया। अब, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भारत के 41 स्थल हैं।
शांतिनिकेतन जिसका अर्थ है ‘शांति का निवास’, 1901 में आकार लेना शुरू हुआ और यहीं पर टैगोर ने बाद में विश्व भारती विश्वविद्यालय की नींव रखी।
कुछ महीने पहले, अंतरराष्ट्रीय सलाहकार निकाय इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) ने इस ऐतिहासिक स्थल को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी।
फ्रांस स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जिसमें पेशेवर, विशेषज्ञ, स्थानीय ऑथोरिटीज, कंपनियां और विरासत संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं और यह दुनिया के वास्तुशिल्प और लैंडस्केप विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए समर्पित है।
शांतिनिकेतन
शांतिनिकेतन, जिसे पहले भुबनडांगा (Bhubadanga) के नाम से जाना जाता था, का स्वामित्व टैगोर परिवार के पास था। 1862 में, रायपुर की एक नाव यात्रा पर, रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर ने लाल मिट्टी और हरे-भरे धान के खेतों के इस सुन्दर जगह को देखा और एक ‘आश्रम (आश्रम)’ बनाने का फैसला किया। उन्होंने एक घर शांतिनिकेतन “शांति का निवास” बनवाया जो आज भी खड़ा है।
बाद में इस क्षेत्र का नाम बदलकर शांतिनिकेतन कर दिया गया क्योंकि उन्हें यह स्थान ध्यान के लिए अनुकूल लगा। 48 साल बाद 1901 में, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक विशाल भूमि का चयन किया और प्राचीन भारतीय गुरुकुल प्रणाली ‘ब्रह्मचर्य आश्रम’ पर आधारित एक स्कूल शुरू किया।
बाद में स्कूल को एक विश्वविद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया और इसका नाम बदलकर विश्व भारती (Visva Bharati) कर दिया गया।
मानवता की एकता या “विश्व भारती” को मान्यता देते हुए 1921 में शांतिनिकेतन में एक ‘विश्व विश्वविद्यालय’ की स्थापना की गई थी।
20वीं सदी की शुरुआत के प्रचलित ब्रिटिश औपनिवेशिक वास्तुशिल्प अभिविन्यास और यूरोपीय आधुनिकतावाद से अलग, शांतिनिकेतन एक पैन-एशियाई आधुनिकता का प्रतिनिधित्व करता है, जो पूरे क्षेत्र की प्राचीन, मध्ययुगीन और लोक परंपराओं पर आधारित है।