फिलिस्तीनी सेंट हिलारियन मठ/टेल उम्म आमेर खतरे वाली विश्व धरोहर सूची में शामिल

फिलिस्तीनी विरासत स्थल सेंट हिलारियन मठ/टेल उम्म आमेर (Saint Hilarion Monastery/Tell Umm Amer) को 26 जुलाई को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया और साथ ही इसे विश्व धरोहर सूची में खतरे की सूची (List of World Heritage in Danger) में भी डाल दिया गया।

यह घोषणा नई दिल्ली में चल रहे विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र के दौरान की गई।  

इस्राइल-हमास युद्ध के चलते मठ की हालत बेहद खराब हो गई है। इसके चलते यूनेस्को ने इसे खतरे की सूची में भी शामिल किया है।  यह स्थल गाजा पट्टी में स्थित है, जो इजरायल के हमले से जूझ रहा है।

गाजा शहर से सिर्फ 10 किमी दक्षिण में नुसेरात नगर पालिका के तटीय टीलों पर स्थित इस प्राचीन ईसाई मठ की स्थापना चौथी शताब्दी में फादर हिलारियन द ग्रेट (291-371 ई.) द्वारा की गई थी, जिन्हें कुछ लोग फिलिस्तीनी मठवाद (Palestinian monasticism) का जनक मानते हैं।

हिलारियन ने अलेक्जेंड्रिया में पहले ईसाई धर्म अपनाया और बाद में सेंट एंथोनी से प्रेरित होकर पहले मिस्र और फिर गाजा में संन्यासी बन गए। इसके बाद उन्होंने अपने गांव थबाथा के पास एक आश्रम की स्थापना की।

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