कर्नाटक के विरुपाक्ष मंदिर का मंडप मूसलाधार बारिश के बाद हुआ क्षतिग्रस्त
कर्नाटक में विरुपाक्ष मंदिर (Virupaksha temple) का सालू मंडप 21 मई को मूसलाधार बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हो गया। यह मंदिर ऐतिहासिक स्थल हम्पी में स्थित है जो विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी।
यह मंदिर राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित स्मारक है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हम्पी के स्मारक समूह में भी शामिल है।
हम्पी में राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित 95 स्मारकों में से 57 केसंरक्षण लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जिम्मेदार है, जबकि बाकी स्मारक का संरक्षण राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
विरुपाक्ष मंदिर
माना जाता है कि इस मंदिर की नींव 7वीं शताब्दी में डाली गई थी। विरुपाक्ष मंदिर विजयनगर साम्राज्य से पहले अस्तित्व में था और इसे ‘दक्षिण की काशी’ माना जाता है।
14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य (1336 से 1646) के दौरान विरुपाक्ष मंदिर को अधिक प्रमुखता मिली और इसका व्यापक स्तर पर विस्तार हुआ।
यह मंदिर भगवान विरुपाक्ष का है जिन्हें पाम्पापति भी कहा जाता है। भगवान शिव को विरुपाक्ष/पम्पा पथी के नाम से जाना जाता है, जिनकी पत्नी स्थानीय देवी पंपादेवी हैं।
विरुपाक्ष मंदिर परिसर में भुवनेश्वरी और विद्यारण्य के मंदिर भी हैं।
यह मंदिर द्रविड़ मंदिर वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण है। इसकी विशेषताओं में भव्य गोपुरम (ऊंचे प्रवेश द्वार), गर्भगृह के ऊपर ऊंचा शिखर या विमान, इसकी जटिल नक्काशी और स्तंभ वाले हॉल हैं।
गर्भगृह में शिव लिंगम है, जिनकी उपासना की जाती है।