चुनाव आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को चुनाव चिह्नों के आवंटन के लिए नए नियम लागू किये

भारत के निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognised Political Parties: RUPPs) को चुनाव चिह्नों के आवंटन के लिए नए नियम लाए हैं।

सिंबल पाने के लिए उन्हें पिछले तीन वित्तीय वर्षों का ऑडिटेड अकाउंट, पिछले दो चुनावों का व्यय विवरण और सिंबल के लिए आवेदन पत्र के साथ पार्टी के अधिकृत पदाधिकारी का हस्ताक्षर देना अनिवार्य है।

RUPPs या तो नयी रजिस्टर्ड पार्टियां होती हैं या जिन्होंने स्टेट पार्टी कर दर्जा पाने के लिए विधानसभा या आम चुनाव में पर्याप्त प्रतिशत वोट हासिल नहीं किए हैं, या वे पार्टियां जिन्होंने रजिस्ट्रेशन के बाद कभी चुनाव नहीं लड़ा है।

RUPP को इस वचनपत्र के आधार पर कॉमन चुनाव चिह्न प्रदान किए जाते हैं कि वे किसी राज्य के विधानसभा चुनाव के संबंध में कुल उम्मीदवारों में से कम से कम 5% उम्मीदवारों को खड़ा करेंगे।

चुनाव आयोग को चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 10 B के प्रावधानों के तहत सिंबल के आवंटन के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में RUPP से आवेदन प्राप्त होते हैं।

सितंबर 2022 में, चुनाव आयोग ने बिना अस्तित्व वाली 86 RUPP को सूची से हटा दिया था और  अन्य 253 को ‘इनएक्टिव RUPP ‘  घोषित कर दिया था।  

बता दें कि किसी राजनीतिक दल को चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन पंजीकृत राजनीतिक दल को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (राजनैतिक दलों के पंजीकरण से संबंधित) के प्रावधानों का लाभ मिलता है।

चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत राजनीतिक दल के उम्मीदवारों को पूरी तरह से निर्दलीय उम्मीदवारों के विपरीत फ्री सिंबल के आवंटन के मामले में प्राथमिकता मिलती है।

ये पंजीकृत राजनीतिक दल भी ‘स्टेट पार्टी’ या ‘नेशनल पार्टी’ के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकते हैं यदि वे चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 में आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं।

गैर-पंजीकृत दल आरक्षित चुनाव चिह्न के विशेष आवंटन के हकदार नहीं होते हैं। उन्हें आयोग द्वारा जारी ‘फ्री सिंबल ‘ की सूची में से चयन करना होगा।

वे विधानसभा और आम चुनावों के दौरान मतदाता सूची की मुफ्त प्रतियां, ऑल इंडिया रेडियो / दूरदर्शन पर प्रसारण / प्रसारण सुविधाओं के लिए फ्री अथॉरिटी प्राप्त करने के लिए भी पात्र नहीं होते  हैं।

वे पार्टी कार्यालयों के लिए सब्सिडी वाली जमीन प्राप्त के लिए भी पात्र नहीं होते हैं।

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