RBI ने E-मैंडेट की सीमा 5,000 रूपये से बढ़ाकर 15,000 रूपये कर दिया है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 8 जून को क्रेडिट/डेबिट कार्डों और प्रीपेड भुगतान लिखतों (prepaid payment instruments: PPIs) पर ई-मैंडेट/स्थायी निर्देशों की सीमा को वर्तमान में 5,000 रूपये से बढ़ाकर 15,000 रूपये कर दिया गया है।
- RBI जल्द ही जरूरी निर्देश जारी करेगा। 1 जनवरी, 2021 से पहले यह सीमा 2,000 रूपये थी। इससे अब ग्राहकों को बिना ओटीपी के मोटी रकम की निकासी, जमा या भुगतान करने में आसानी होगी।
- इसके जरिए अब आप 15000 रुपये का आसानी से लेनदेन कर सकेंगे।
- आवर्ती भुगतान (Recurring payments), जिसे अक्सर AUTOPAY के रूप में संदर्भित किया जाता है, का अर्थ है कि उपभोक्ता ने किसी खुदरा विक्रेता या व्यापारी को अपने बैंक खाते से सामान या सेवाओं के लिए भुगतान काटने या प्रत्येक महीने देय राशि में अपने क्रेडिट कार्ड से शुल्क लेने की अनुमति दी है। व्यापारी को एक बार पहले उपभोक्ता की अनुमति लेनी होगी।
- व्यापारी देय तिथि पर राशि काट लेता है इसलिए विलंब शुल्क की कोई समस्या नहीं होती है।
- स्वचालित भुगतान तब तक जारी रहता है जब तक कि उपभोक्ता अपनी अनुमति वापस नहीं ले लेता।
- RBI ने ई-मैंडेट के जरिए 1 अक्टूबर 2021 को ही आवर्ती लेनदेन लागू कर दिया था।
- RBI के अनुसार, देश के बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से OTP या ई-मेल के जरिए अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन के बिना ऑटो डेबिट के तहत लेनदेन की प्रक्रिया के तहत आरबीआई ने ऑटो डेबिट की सीमा 5,000 रुपये तय की थी, लेकिन अब डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए बिना OTP के आप 15,000 रुपये तक पैसों का लेनदेन, निकासी या जमा कर सकते हैं।
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