पूंजी बाजार में में स्व-विनियामक संगठनों (SROs) की मान्यता के लिए फ्रेमवर्क

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 19 अगस्त को कैपिटल मार्केट  में स्व-विनियामक संगठनों self-regulatory organisations (SROs) की मान्यता के लिए एक फ्रेमवर्क  जारी की, ताकि नियमों के पालन की प्रैक्टिस को मजबूत करने और नीति निर्माण के लिए एक परामर्श फोरम प्रदान करने में मदद मिल सके।

RBI ने पात्रता मानदंड को पूरा करने वाली संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित किए हैं। वित्तीय बाज़ारों यानी कैपिटल मार्केट के लिए SRO को एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता होगी, इसकी न्यूनतम नेटवर्थ 10 करोड़ रुपये होनी चाहिए, और इसमें ऐसा बुनियादी ढांचा बनाने की क्षमता होनी चाहिए जो इसे निरंतर आधार पर SRO की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम बनाए।

केंद्रीय बैंक के अनुसार, प्रस्तावित स्व-विनियामक संगठन (SRO) उद्योग मानकों और बेस्ट प्रैक्टिसेज  को विकसित करने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं कि सदस्य इनका पालन करें।

SRO को उस क्षेत्र की बेहतरी के लिए व्यापक उद्देश्यों को पूरा करना होगा जिसका वे प्रतिनिधित्व करते हैं और उद्योग संबंधी महत्वपूर्ण  चिंताओं का समाधान करना होगा। वे पेशेवर बाजार आचरण के लिए न्यूनतम मानक और परंपराएं भी स्थापित करेंगे।

SRO आरबीआई, सरकारी ऑथोरिटीज और अन्य वैधानिक और रेगुलेटरी बॉडीज  के साथ जुड़ाव में “अपने सदस्यों की सामूहिक आवाज” के रूप में कार्य करेगा और उद्योग संबंधी  व्यापक चिंताओं का प्रतिनिधित्व और समाधान करेगा।

वित्तीय बाजार (Financial markets) ब्याज दर बाजारों को कहा जाता है जिसमें शामिल हैं; सरकारी प्रतिभूतियां ; सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड में रेपो के लिए बाजार सहित मुद्रा बाजार; विदेशी मुद्रा बाजार; और ब्याज दरों/कीमतों, विदेशी मुद्रा दरों और क्रेडिट पर डेरिवेटिव।

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