RBI ने अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (AIFIs) के लिए बेसल-III कैपिटल फ्रेमवर्क जारी किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (All India Financial Institutions: AIFIs) के लिए बेसल III कैपिटल फ्रेमवर्क, फंड जुटाने, एक्सपोजर दिशानिर्देश और निवेश पोर्टफोलियो के वर्गीकरण और मूल्यांकन पर मानदंड पेश किए हैं।

यह रूपरेखा अप्रैल 2024 से लागू होगी।

RBI द्वारा विनियमित पांच AIFIs

भारत में RBI द्वारा विनियमित पांच AIFI हैं: भारतीय निर्यात-आयात बैंक (EXIM बैंक), नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (Nabard), नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID), नेशनल हाउसिंग बैंक ( NHB), और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI)।

फ्रेमवर्क के प्रावधान

AIFI को अप्रैल 2024 तक न्यूनतम कुल पूंजी 9 प्रतिशत बनाए रखने की आवश्यकता होगी, जिसमें न्यूनतम टियर- I पूंजी 7 प्रतिशत और सामान्य इक्विटी टियर- I (CET-1) पूंजी 5.5 प्रतिशत होनी चाहिए।

बीमा और गैर-वित्तीय गतिविधियों (विनियमित और गैर-विनियमित दोनों) में लगी कंपनियों को छोड़कर, सभी वित्तीय सहायक कंपनियों को कैपिटल एडेक्वेसी के उद्देश्य से पूरी तरह से समेकित करने की आवश्यकता होगी।

आरबीआई ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा संस्थाओं के कैपिटल इंस्ट्रूमेंट में AIFI के निवेश को उनकी पूंजी निधि के 10 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है।

AIFI को किसी बैंक या AIFI के इक्विटी शेयरों में नई हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि अधिग्रहण के कारण उसकी हिस्सेदारी निवेशिती की इक्विटी पूंजी के 5 प्रतिशत से अधिक हो जाती है।

किसी एकल इकाई में AIFI का इक्विटी निवेश निवेशिती (investee) की इक्विटी के 49 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है।

investee इस संपूर्ण 49 प्रतिशत हिस्सेदारी को गिरवी के रूप में रख सकता है, यदि अधिग्रहण investee के दावों के खिलाफ है, तो हिस्सेदारी को तीन साल के भीतर 10 प्रतिशत से नीचे लाना होगा।

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