RBI ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट रीपेमेंट गोल्ड लोन की सीमा दोगुनी कर 4 लाख रुपये कर दी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों (Urban Co-operative Banks) के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम (Bullet Repayment Scheme) के तहत गोल्ड लोन की मौद्रिक सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी है।
इससे शहरी सहकारी बैंकों के सामने आने वाली कठिनाइयां दूर होंगी और निर्धारित प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
RBI ने शुरुआत में (2007 में) 1 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन के बुलेट पुनर्भुगतान की अनुमति दी थी, जिसे बाद में (2014 में) बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया, और पुनर्भुगतान को 12 महीने तक सीमित कर दिया गया।
शहरी सहकारी बैंकों को बुलेट रीपेमेंट और समान मासिक किस्त (Equated Monthly Instalment: EMI) पुनर्भुगतान रुट्स के तहत 12 महीने के लिए गोल्ड लोन देने की अनुमति है।
बुलेट रीपेमेंट (Bullet Repayment) क्या है?
बुलेट रीपेमेंट (Bullet Repayment) के तहत, ऋण पर मूलधन और ब्याज का भुगतान ऋण अवधि के अंत में कर्जदार द्वारा ऋणदाता को एकमुश्त किया जाता है। EMI के तहत, ऋणी द्वारा प्रत्येक महीने निर्धारित तिथि पर ऋणदाता को एक निश्चित राशि का भुगतान (मूलधन और ब्याज घटक शामिल) किया जाता है।