सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू हुआ

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024), जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित सरकारी परीक्षाओं और कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकना है, 21 जून 2024 को लागू हुआ।

13 फरवरी को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को अपनी सहमति दी।

यह कानून सरकारी एजेंसियों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में “अनुचित साधनों” के उपयोग को रोकने और “अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता” लाने का प्रयास करता है। अधिनियम में उल्लेख की गई परीक्षाओं में केंद्र सरकार के संगठनों द्वारा आयोजित परीक्षाएं शामिल हैं।

इस एक्ट में अनुचित आचरण के 15 कृत्यों की पहचान की गई है, जिसमें पेपर लीक, फर्जी वेबसाइट बनाना और मौद्रिक लाभ के लिए फर्जी परीक्षाएं आयोजित करना शामिल हैं।

महत्वपूर्ण बात यह है कि कानून छात्रों/उम्मीदवारों को अधिनियम के दायरे से बाहर रखता है। उम्मीदवारों पर प्रशासनिक नियंत्रण जारी रहेगा।

अधिनियम में परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को समय से पहले प्रकट करने और अनधिकृत लोगों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश कर व्यवधान पैदा करने पर भी रोक लगाई गई है।

इस अपराध के लिए तीन से पांच साल की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।

कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय (cognizable, non-bailable, and non-compoundable) होंगे।

अधिनियम के अनुसार, परीक्षा आयोजित करने के लिए पब्लिक एग्जामिनेशन अथॉरिटी द्वारा नियुक्त किसी सर्विस प्रोवाइडर पर भी 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और उससे “परीक्षा का आनुपातिक खर्च भी वसूला जाएगा”।

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