इसरो ने महासागर अध्ययन के लिए PSLV-C54 से EOS-06 प्रक्षेपित किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 26 नवंबर, 2022 को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से फर्स्ट लॉन्च पैड से EOS-06 उपग्रह के सतह आठ अन्य नैनो-उपग्रहों दो अलग-अलग सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षाओं (SSPOs) के लिए प्रक्षेपित किया। इन्हें PSLV-C54 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
EOS-6 (Oceansat-3)
- अन्य उपग्रहों के साथ महासागरों पर नजर रखने के लिए तीसरी पीढ़ी के भारतीय उपग्रह जिसे औपचारिक रूप से भू प्रेक्षण उपग्रह-6 (EOS-6) का नाम दिया गया है, को लॉन्च किया।
- EOS-06 ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह (Oceansat-3) है। महासागरों के अध्ययन का यह मिशन क्रमशः 1999 और 2009 में लॉन्च किए गए ओशनसैट-1 या IRS-P4 और ओशनसैट-2 की अगली सीरीज है।
- Oceansat-3 को समुद्र तल से करीब 740 किलोमीटर की ऊंचाई पर ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया गया। इसमें 3 निगरानी सेंसर यानि ओशन कलर मॉनिटर (OCM-3), सी सर्फेस टेंपरेचर मॉनिटर (SSTM) और केयू बैंड स्कैट्रोमीटर (SCAT-3) लगाए गए हैं। इसमें एक ARGOS पेलोड भी है। भारत की ब्लू इकोनॉमी से जुड़ी आकांक्षाओं के लिए इन सभी सेंसर का अपना खास महत्व है।
- OCM-3 रोजाना पृथ्वी के दिन पक्ष का निरीक्षण करेगा और समुद्री शैवाल के वितरण पर महत्वपूर्ण आंकड़े प्रदान करेगा जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर खाद्य श्रृंखला का आधार है। यह फाइटोप्लांकटन की दैनिक निगरानी भी करेगा।
- SSTM समुद्र की सतह के तापमान की जानकारी देगा जो मछलियों के समूह से लेकर चक्रवात उत्पत्ति और उनकी चाल सहित विभिन्न पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण महासागरीय मानदंड है।
- ARGOS एक संचार पेलोड है जिसे फ्रांस के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
इंडो-भूटान सैट
- PSLV-C54 रॉकेट से भारत और भूटान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इंडो-भूटान सैट (India-Bhutan SAT) को भी इसरो ने लॉन्च किया।