देश में 1,514 शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) को मजबूत करने के लिए चार महत्वपूर्ण पहल की गईं
देश के 1,514 शहरी सहकारी बैंकों (Urban Co-operative Banks: UCBs) को मजबूत करने का लक्ष्य रखते हुए, केंद्र ने कहा कि रिजर्व बैंक ने चार प्रमुख उपायों को अधिसूचित किया है, जिसमें उन्हें प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दो साल का और समय देना शामिल है। देश में 1,514 शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को मजबूत करने के लिए चार महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं।
ये पहलें निम्नलिखित हैं:
1. अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए शहरी सहकारी बैंक (UCBs) अब नई शाखाएं खोल सकेंगे: UCBs अपने अनुमोदित कार्यक्षेत्र में अब RBI की पूर्वानुमति के बिना पिछले वित्तीय वर्ष की शाखाओं की संख्या के 10% तक (अधिकतम 5 शाखाएं) नई शाखाएं खोल सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने बोर्ड से नीति अनुमोदित करवानी होगी और वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित (FSWM) नॉर्म का पालन करना होगा।
2. शहरी सहकारी बैंक भी वाणिज्यिक बैंकों की तरह एकमुश्त निपटान (One-Time Settlement) कर सकेंगे: RBI ने शहरी सहकारी बैंक (UCBs) सहित सभी विनियमित संस्थाओं के लिए इस पहलू को लागू करने वाला एक फ्रेमवर्क अधिसूचित किया है। अब सहकारी बैंक अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के माध्यम से ऋण लेने वालों के साथ समझौता निपटान करने के साथ-साथ तकनीकी राइट-ऑफ की प्रक्रिया प्रदान कर सकते हैं। इसने सहकारी बैंकों को अब अन्य वाणिज्यिक बैंकों के बराबर ला दिया है।
3. शहरी सहकारी बैंकों को दिए गए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) लक्ष्यों के लिए संशोधित समय-सीमा: भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए PSL लक्ष्यों को प्राप्त करने के चरणबद्ध समय को दो वर्ष यानी 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। 60% के PSL लक्ष्य को प्राप्त करने की 31 मार्च, 2023 तक की समय सीमा को भी अब 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान PSL में रही कमी को दूर करने के बाद यदि कोई, अतिरिक्त जमा होगी तो उसे UCBs को वापस कर दिया जाएगा।
4. आरबीआई में एक नोडल अधिकारी नामित करना: RBI ने निकट समन्वय और केंद्रित संवाद (Focused interaction) के लिए सहकारी क्षेत्र की अरसे से लंबित मांग को पूरा करने के लिए हाल ही में एक नोडल अधिकारी भी अधिसूचित किया है।