प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अरिचल मुनाई में पूजा अर्चना की
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी 2024 को अपने रामायण-कनेक्ट यात्रा के हिस्से के रूप में तमिलनाडु में धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई (Arichal Munai) में पूजा अर्चना की।
अरिचल मुनाई राम सेतु का प्रारंभिक बिंदु (Arichal Munai) है। उन्होंने उस स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित की, जहां माना जाता है कि भगवान राम ने लंका तक पहुंचने के लिए एक पुल का निर्माण किया था। यह यात्रा अयोध्या में राम लला की मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले हुई।
राम सेतु के बारे में
- राम सेतु, जिसे आदम के पुल (Adam’s bridge) के रूप में भी जाना जाता है, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित पंबन द्वीप या रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट के पास स्थितमन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर शोल की एक श्रृंखला (chain of limestone shoals) है।
- सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपीए -1 सरकार द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।
- सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना, जिसे भारत के स्वेज नहर की संज्ञा दी गयी, के तहत भारत की मुख्य भूमि और भूमि और श्रीलंका के बीच एक चैनल बनाकर भारत के पश्चिमी और पूर्वी तटों के बीच यात्रा के समय को 36 घंटे और दूरी को 424 समुद्री मील (1 समुद्री मील = 1.82 किमी) तक कम करने का लक्ष्य रखा गया था।
- अभी जहाजों को श्रीलंका के चारों ओर एक चक्कर लगाने पड़ते हैं।
- इस परियोजना का मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा था, जिसने 2007 में राम सेतु पर परियोजना के काम पर रोक लगा दी थी।
- केंद्र ने बाद में कहा था कि वह परियोजना के “सामाजिक-आर्थिक नुकसान” पर विचार विचार कर रहा है और राम सेतु को नुकसान पहुंचाए बिना शिपिंग चैनल परियोजना के लिए एक और मार्ग तलाशने को तैयार है।