प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के शहडोल में “राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन 2047” का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2023 को मध्य प्रदेश के शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन 2047 (National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission: NSCEM) का शुभारंभ किया और लाभार्थियों को सिकल सेल आनुवंशिक स्थिति कार्ड वितरित किए।

NSCEM का उद्देश्य

NSCEM का उद्देश्य विशेष रूप से आदिवासी आबादी के बीच सिकल सेल रोग से उत्पन्न गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना है। यह लॉन्च; सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में 2047 तक सिकल सेल रोग को खत्म करने के सरकार के चल रहे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

केंद्रीय बजट 2023 में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन की घोषणा की गई थी।

इसे देश के 17 सर्वाधिक प्रभावित राज्यों – गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड के 278 जिलों में लागू किया जाएगा।

दुनिया में सिकल सेल एनीमिया के 50 प्रतिशत से अधिक मामले भारत में ही सामने आते हैं।

इस मिशन का विजन है: 2047 से पहले भारत में पब्लिक हेल्थ समस्या के रूप में सिकल सेल रोग को खत्म करने के लिए समुदाय में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना, बीमारी की शीघ्र पहचान के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग गतिविधियों को लागू करना, निदान और लिंकेज का एक मजबूत नेटवर्क बनाना, मजबूत निगरानी प्रणाली को लागू करना, मौजूदा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तंत्र को मजबूत करना; प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल टीमों की क्षमता निर्माण और उच्च देखभाल सुविधाओं में लागत प्रभावी उपाय करना।

इस मिशन के उद्देश्य हैं: सभी सिकल सेल रोगियों को सस्ती और सुलभ देखभाल उपलब्ध कराना, रोगियों के लिए देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और
सिकल सेल के प्रसार को कम करना।

सिकल सेल रोग (Sickle cell disease: SCD)

सिकल सेल रोग (Sickle cell disease: SCD) वंशानुगत लाल रक्त कोशिका (red blood cells) से जुड़े विकारों का एक समूह है। स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं गोल होती हैं और वे शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन ले जाने वाली छोटी रक्त वाहिकाओं के माध्यम से संचारित हैं।

आम तौर पर, लाल रक्त कोशिकाएं डिस्क के आकार की और इतनी लचीली होती हैं कि रक्त वाहिकाओं के माध्यम से आसानी से प्रवाहित होती है। यदि आपको सिकल सेल रोग है, तो आपकी लाल रक्त कोशिकाएं अर्धचंद्राकार या “सिकल” यानी दरांती आकार की होती हैं।

ये कोशिकाएं आसानी से मुड़ती या हिलती नहीं हैं और आपके शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं। इससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है। इसे ही एनीमिया या सिकल सेल एनीमिया कहते हैं।

सिकल सेल रोग आजीवन रहने वाली बीमारी है। रक्त और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (bone marrow transplant) वर्तमान में सिकल सेल रोग का एकमात्र इलाज है, हालांकि कुछ ऐसे प्रभावी उपचार हैं जो लक्षणों को कम कर सकते हैं और जीवन को लम्बा कर सकते हैं।

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