पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड की पहली यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को पोलैंड के वारसॉ पहुंचे। पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड की यह पहली यात्रा थी। नरेंद मोदी से पहले प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने पोलैंड की यात्रा की थी।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोलैंड के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ बैठकें कीं और भारतीय समुदाय से भी बातचीत की।
नवानगर के जाम साहब का स्मारक: अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने नवानगर के जाम साहब के स्मारक पर (Jam Saheb of Nawanagar) पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी को समर्पित है, जो नवानगर (अब जामनगर) के पूर्व महाराजा थे। 1942 में, महाराजा ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूर्व सोवियत संघ से लाए गए शरणार्थी पोलिश बच्चों के लिए जामनगर में पोलिश चिल्ड्रन कैंप की स्थापना की थी।
मोंटे कैसिनो युद्ध स्मारक: प्रधानमंत्री ने पोलैंड में मोंटे कैसिनो युद्ध स्मारक (Battle of Monte Cassino) का भी दौरा किया। यह स्मारक 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोंटे कैसिनो की लड़ाई में द्वितीय पोलिश कोर के सैनिकों की जीत की याद दिलाता है। द्वितीय पोलिश कोर ने पहाड़ी और उस पर स्थित मठ पर विजय प्राप्त की थी। इस लड़ाई में 900 से अधिक पोलिश सैनिक मारे गए थे।
कोल्हापुर स्मारक: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पोलैंड के वारसॉ में कोल्हापुर स्मारक (Kolhapur Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री मोदी ने कहा कि यह स्मारक कोल्हापुर के महान शाही परिवार को श्रद्धांजलि है। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलिश लोगों को दी गई कोल्हापुर रियासत की उदारता को समर्पित है। कोल्हापुर के वलीवडे में स्थापित शिविर में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलिश लोगों को आश्रय प्रदान किया था। इस बस्ती में महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 5,000 पोलिश शरणार्थी रहते थे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरित होकर कोल्हापुर के महान शाही परिवार ने मानवता को हर चीज से ऊपर रखा और पोलिश महिलाओं और बच्चों के लिए सम्मान का जीवन सुनिश्चित किया।