श्रीलंका में ‘सी-ककंबर’ (sea cucumber) फार्मिंग में चीनी निवेश पर स्थानीय लोगों ने चिंता जताई है
उत्तरी श्रीलंका में जाफना प्रायद्वीप से दूर पुंगुदुतिवु में सी-ककंबर (sea cucumber) की फार्मिंग में निवेश करने वाली एक चीनी फर्म की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए, स्थानीय मछुआरों ने अपनी आजीविका, समुद्री इकोसिस्टम और भूमि पर इसके संभावित प्रभाव पर चिंता जताई है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2021 में, श्रीलंका ने चीन, सिंगापुर और हांगकांग को लगभग 336 टन समुद्री ककड़ी यानी सी-ककंबर (sea cucumber) का निर्यात किया था।
अपनी ख़राब अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए डॉलर कमाने के लिए बेताब, श्रीलंकाई सरकार ने चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में एक सेंसिटिव माने जाने वाले सॉसेज के आकार के इस समुद्री जानवर के प्रजनन और बिक्री में विदेशी निवेश और निर्यात, दोनों की अस्सम क्षमता की पहचान की है।
हालाँकि श्रीलंका के स्थानीय लोग सी-ककंबर का सेवन नहीं करते हैं।
क्या है सी-ककंबर (sea cucumber)?
सी-ककंबर टैक्सोनोमिक क्लास होलोथुरोइडिया (Holothuroidea) से संबंधित हैं और उन्हें इचिनोडर्मेटा फाइलम (Echinodermata phylum) के तहत रखा गया है, जिसमें कई अन्य प्रसिद्ध समुद्री अकशेरूकीय भी शामिल हैं, जैसे कि सी-स्टार, सी-अर्चिन और सैंड डॉलर शामिल हैं।
सी-ककंबर का नाम ककड़ी के समान होने के कारण रखा गया है।
समुद्री ककड़ी यानी सी-ककंबर (sea cucumber) नाम होने के बावजूद ये सब्जियां नहीं हैं; बल्कि इचिनोडर्म हैं (echinoderms), जो समुद्री जीवों का एक वर्ग है, जिसमें स्टारफिश और समुद्री अर्चिन शामिल हैं।
ये समुद्र के रेतीले तल पर प्राप्त होते हैं, जहां वे पोषक चक्रण के रुप में महत्वपूर्ण पारिस्थितिक कार्य करते हैं।
दक्षिण एशिया में आमतौर पर सी-ककंबर नहीं खाए जाते हैं। इसके बजाय, पूर्वी एशिया में इसकी मांग अधिक है, जहां उन्हें स्वादिष्ट माना जाता है और ताजा या सूखे खाया जाता है।
इसका उपयोग पारंपरिक चीनी दवा में भी किया जाता है।
भारत ने वर्ष 2001 में सी-ककंबर मत्स्यन और निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
सी-ककंबर (sea cucumber) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA) की अनुसूची I के अनुसार, समुद्री इकोसिस्टम के सी-ककंबर (sea cucumber) को वस्तुतः बाघों और शेरों के समान संरक्षण प्राप्त।
लक्षद्वीप प्रशासन ने 239 वर्ग किमी में फैले क्षेत्र में संकटापन्न सी-ककंबर के लिए दुनिया का पहला संरक्षण क्षेत्र ( world’s first conservation area for endangered sea cucumbers) बनाने की घोषणा की है।