वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2020- 22: रीजनल कंपेनियन रिपोर्ट फॉर एशिया एंड द पैसिफिक
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा 2 सितंबर, 2022 को ‘वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2020- 22: रीजनल कंपेनियन रिपोर्ट फॉर एशिया एंड द पैसिफिक’ (World Social Protection Report 2020- 22: Regional companion report for Asia and the Pacific) शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की गई।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के 28.4 प्रतिशत के मुकाबले केवल 24.4 प्रतिशत भारतीयों की पहुंच किसी भी सामाजिक सुरक्षा लाभ तक हैं।
सामाजिक सुरक्षा (Social Security) वह सुरक्षा है जो एक समाज व्यक्तियों और परिवारों को स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करने और आय सुरक्षा की गारंटी देने के लिए प्रदान करता है, विशेष रूप से वृद्धावस्था, बेरोजगारी, बीमारी, कार्य की वजह से विकलांगता या मृत्यु, मातृत्व में या आय अर्जक की मृत्यु के मामलों में।
मंगोलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में 100 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क है, जबकि म्यांमार और कंबोडिया में यह संख्या 10 प्रतिशत से कम है।
सामाजिक सुरक्षा में अपेक्षाकृत कम निवेश के कारण, गैर-अंशदान लाभों के तहत हस्तांतरित राशि आमतौर पर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए बहुत कम होती है।
अंशदायी योजनाओं (contributory schemes) के लाभ आम तौर पर औपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों तक सीमित होती है और गैर-अंशदायी योजनाएं (non‑contributory) अभी भी ज्यादातर गरीबों को लक्षित होती हैं। इसलिए बहुत सारे लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पाता है।
भारत के सामाजिक सुरक्षा लाभ सकल घरेलू उत्पाद (GDP) प्रति व्यक्ति ($ 2,277) के 5 प्रतिशत से कम हैं। हालांकि, रिपोर्ट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के माध्यम से हासिल की गई भारत की उच्च कवरेज दर की सराहना की गयी है, जो अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को 100 दिनों तक की सुरक्षा प्रदान करती है।
रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में चार श्रमिकों में से तीन बीमारी या कार्य की प्रकृति की वजह से जोखिम की स्थिति में सुरक्षित नहीं हैं ।
प्रति व्यक्ति कम सकल घरेलू उत्पाद वाले देशों में कार्य की प्रकृति की वजह से जोखिम के खिलाफ सामाजिक सुरक्षा कवरेज के निम्न स्तर होते हैं, उदाहरण के लिए, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान अपने श्रमिकों के 5 प्रतिशत से कम को कवर करते हैं।
वर्ष 2020 तक, केवल 46.9 प्रतिशत वैश्विक आबादी प्रभावी रूप से कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ कवर के अधीन थे, जबकि शेष 53.1 प्रतिशत यानी 4.1 अरब लोगों को पूरी तरह से असुरक्षित छोड़ दिया गया है यानी उन्हें वृद्धावस्था, बेरोजगारी, बीमारी, कार्य की वजह से विकलांगता या मृत्यु, मातृत्व या आय अर्जक की मृत्यु के मामलों में किसी प्रकार का सामाजिक सुरक्षा कवर प्राप्त नहीं था।
भारत में सामाजिक सुरक्षा
भारत में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम, मजदूरी भुगतान अधिनियम, मातृत्व हितलाभ अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा के तहत हितलाभ, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना आदि सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानून एवं योजनाएं हैं।
केंद्र सरकार ने अब सामाजिक सुरक्षा से संबंधित सभी कानूनों को सामाजिक सुरक्षा संहिता में समाहित कर दिया है।