पांच राज्यों के जनजातीय इलाकों में फोर्टिफाइड चावल पर IEC मुहिम

फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) को लोकप्रिय बनाने और इसके फायदों के बारे में लोगों को विशेष रूप से देश के जनजातीय क्षेत्रों को जागरूक करने के लिए, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFID) और गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना राजस्थान, केरल की राज्य सरकारों ने उन जनजातीय क्षेत्रों और जिलों में कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जहां के लोग थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया की चपेट में आते हैं।

फोर्टीफिकेशन FSSAI द्वारा निर्धारित सूक्ष्म पोषक तत्व (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) को फोर्टीफाइड राइस कर्नेल (FRK) यानी पोषणयुक्‍त चावल के दाने जनरल चावल (कस्टम मिल्ड चावल) में मिलाने की प्रक्रिया है। यह 1:100 के अनुपात (100 किलोग्राम सामान्य चावल के साथ 1 किलोग्राम FRK मिलाकर) में मिलाया जाता है।

फोर्टिफाइड चावल सुगंध, स्वाद और बनावट में लगभग पारंपरिक चावल के समान होते हैं। यह प्रक्रिया चावल मिलों में चावल को भूसी से अलग करते समय की जाती है।

चावल का फोर्टिफिकेशन कम प्रतिवर्तन काल (turnaround time: TAT) के साथ आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिए किफायती और पूरक रणनीति है और पोषण सुरक्षा की दिशा में एक कदम है और देश में एनीमिया और कुपोषण से लड़ने में मदद करता है।

इस रणनीति को दुनिया के अनेक भागों में लागू किया गया है।

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