चीन में लैंग्या हेनिपावायरस (Langya henipavirus) के मामले दर्ज किए गए
चीन के शेडोंग और हेनान प्रांतों में नोवेल लैंग्या हेनिपावायरस ( Langya henipavirus: LayV)) के मामले सामने आए हैं। अब तक 35 मरीज जूनोटिक वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जो जानवर-से-मानव संचरण की पहली रिपोर्ट को दर्शाता है।
LayV के कारण किसी भी मानव मृत्यु की सूचना नहीं मिली है, जिसका एक अलग जीनोम है।
जानवरों और मनुष्यों के बीच फैलने वाले संक्रामक रोगों को जूनोटिक रोग कहा जाता है।
लैंग्या की खोज पूर्वी चीन में उन रोगियों के निगरानी परीक्षण के दौरान की गई थी, जिन्हें हाल में जानवरों के संपर्क रिपोर्ट किया गया। उन रोगियों में से एक के गले के स्वाब के नमूने से इसकी पहचान की गई और इसे अलग कर दिया गया।
Henipaviruses को जैव सुरक्षा स्तर 4 (BSL4) रोगजनकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वे जानवरों और मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं, और अभी तक मनुष्यों के लिए कोई लाइसेंस प्राप्त दवाएं या टीके नहीं हैं। पूरी संभावना है कि नया वायरस एक जानवर से इंसानों में पहुंच गया है।
LayV वायरस RNA मुख्य रूप से श्रू नामक जानवर (चूहे जैसे दिखने वाला कीटभक्षी जानवर) में पाया गया है, जो इसके प्राकृतिक होस्ट हो सकते हैं। घरेलू और जंगली जानवरों का सीरोसर्वे करने के बाद इस अध्ययन में छछूंदर (shrew) पर ध्यान दिया गया। घरेलू पशुओं में, बकरियों और कुत्तों में सेरोपोसिटिविटी पाई गई।
इससे पहले जिन प्रकार के हेनिपावायरस की पहचान की गई थी, उनमें हेंड्रा, निपाह, देवदार, मोजियांग और घाना के बैट वायरस (Hendra, Nipah, Cedar, Mojiang and the Ghanaian bat virus) शामिल थे।
यूएस सीडीसी के अनुसार, सीडार वायरस, घाना के बैट वायरस और मोजियांग वायरस मानव रोग का कारण नहीं हैं। लेकिन हेंड्रा और निपाह इंसानों को संक्रमित करते हैं और घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं। इस बीच, लंग्या को बुखार का कारण माना जाता है।