केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा “इक्वलाइजेशन लेवी संप्रभु अधिकार” है
उद्योग और व्यापार के सदस्यों, कर अधिकारियों और चुनिंदा पेशेवरों के साथ बजट के बाद की बैठक में बोलते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा “इक्वलाइजेशन लेवी मेरा संप्रभु अधिकार” है (Equalisation levy is my sovereign right)।
- उन्होंने कहा कि नेटफ्लिक्स, फेसबुक जैसी कंपनियां भारत में स्थित उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या से लाभ कमाती है। उन्होंने यह भी कहा कि “20 अरब डॉलर से कम राजस्व वाली कंपनियां इस लेवी का हिस्सा नहीं होंगी।
इक्वलाइजेशन लेवी (Equalisation levy)
- भारत ने पहली बार वर्ष 2016 में इक्वलाइजेशन लेवी (Equalisation levy) की शुरुआत की। गैर-निवासियों द्वारा भारतीय निवासी से ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं से अर्जित आय पर 6 प्रतिशत शुल्क लगाया गया।
- गैर-निवासियों द्वारा भारतीय निवासी से ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं से अर्जित आय पर 6 प्रतिशत शुल्क लगाया गया। वित्त अधिनियम 2020 ने ई-कॉमर्स लेनदेन को शामिल करने के लिए 2016 के इक्वलाइज़ेशन लेवी के दायरे का विस्तार किया। अधिनियम में धारा 153 (iv) जोड़ा गया, जिसने 2 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार के साथ अनिवासी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर 2 प्रतिशत की इक्वलाइजेशन लेवी लगाने के लिए वित्त अधिनियम 2016 में धारा 165ए जोड़ा।
- ई-कॉमर्स लेनदेन (वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति से प्राप्त) 1 अप्रैल, 2020 से लागू हुआ।
- ई-कॉमर्स ऑपरेटर का मतलब एक अनिवासी है जो ऑनलाइन वस्तु की बिक्री या ऑनलाइन सेवाओं का प्रावधान या दोनों के लिए डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक सुविधा या प्लेटफॉर्म का स्वामित्व, संचालन या प्रबंधन करता है।