Yaya Tso: लद्दाख की पहली जैव विविधता विरासत स्थल के रूप में प्रस्तावित
याया त्सो (Yaya Tso), जिसे 4,820 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपनी खूबसूरत झील के लिए पक्षियों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है, को लद्दाख की पहली जैव विविधता विरासत स्थल (biodiversity heritage site: BHS) के रूप में प्रस्तावित किया गया है।
- जैव विविधता प्रबंधन समिति, चुमाथांग गांव की पंचायत, सिक्योर हिमालय परियोजना ने संयुक्त रूप से हाल ही में जैव विविधता अधिनियम के तहत याया त्सो को लद्दाख का पहला BHS घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया है.
- उच्च ऊंचाई वाली झील और इसके जलग्रहण क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित करने के लिए गांव के हितधारकों और SECURE हिमालय परियोजना के बीच कई दौर के परामर्श के बाद प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए गए। प्रस्तावित याया त्सो साइट का अनुमानित क्षेत्र 60 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसमें झील का वाटरशेड भी शामिल होगा।
क्या है जैव विविधता विरासत स्थल?
- जैव विविधता विरासत स्थल (Biodiversity Heritage Site) अच्छी तरह से परिभाषित क्षेत्र हैं जो जंगली और पालतू प्रजातियों की उच्च विविधता, दुर्लभ और संकटापन्न प्रजातियों की उपस्थिति और कीस्टोन प्रजातियों के साथ अद्वितीय व पारिस्थितिक रूप से नाजुक पारिस्थितिक तंत्र हैं।
- ऐसे स्थलों के महत्व और उद्देश्यों को जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 37 में रेखांकित किया गया है।
- राज्य सरकार समय-समय पर स्थानीय निकायों के परामर्श से आधिकारिक राजपत्र में जैव विविधता के महत्व के क्षेत्रों को जैव विविधता विरासत स्थलों के रूप में अधिसूचित कर सकती है।
- जैव विविधता विरासत स्थल, “संरक्षित क्षेत्रों” (Protected areas) की अवधारणा से भिन्न हैं। संरक्षित क्षेत्र वाइल्ड लाइफ एक्ट के अंतर्गत आते हैं।
- जैव विविधता विरासत स्थल का निर्माण स्थानीय समुदायों की प्रचलित प्रथाओं और उपयोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है। ऐसे स्थलों की घोषणा का उद्देश्य संरक्षण उपायों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।