WHO वैश्विक टीबी (TB) रिपोर्ट 2022
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 27 अक्टूबर, 2022 को वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2022 (WHO Global TB Report 2022) जारी की। रिपोर्ट में पूरी दुनिया में टीबी/तपेदिक/क्षय रोग के निदान, उपचार और बीमारी के बोझ पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बारे में बताया गया है।
वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2022: मुख्य डेटा
- विश्व स्तर पर, टीबी से होने वाली मौतों की वार्षिक अनुमानित संख्या 2005 और 2019 के बीच गिर गई, लेकिन 2020 और 2021 के अनुमान बताते हैं कि यह प्रवृत्ति उलट गई है।
- 2021 में अनुमानित 10.6 मिलियन लोग तपेदिक (टीबी) से बीमार हुए, जो 2020 से 4.5% अधिक है, और 1.6 मिलियन लोग टीबी से (एचआईवी पॉजिटिव लोगों में 187000 सहित) अपनी जान गवां दी।
- दवा प्रतिरोधी टीबी (DR-TB) का बोझ भी 2020 और 2021 के बीच 3% बढ़ गया। वर्ष 2021 में रिफैम्पिसिन प्रतिरोधी टीबी (RR-TB) के 450 000 नए मामलों दर्ज किये गया।
- कई वर्षों में यह पहली बार है जब टीबी और दवा प्रतिरोधी टीबी से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
- आधिकारिक तौर पर वर्ष 2021 (1.4 मिलियन) में टीबी के कारण होने वाली मौतों की वैश्विक संख्या, HIV/एड्स (0.65 मिलियन) के कारण होने वाली मौतों की संख्या से दोगुनी से अधिक थी।
- दवा प्रतिरोधी टीबी (DR-TB) सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना हुआ है। रिफैम्पिसिन का प्रतिरोध – सबसे प्रभावी प्रथम-पंक्ति दवा – सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
- रिफैम्पिसिन और आइसोनियाज़िड के प्रतिरोध को मल्टीड्रग-प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) के रूप में परिभाषित किया गया है। MDR-TB और रिफैम्पिसिन-प्रतिरोधी टीबी (RR-TB), दोनों को दूसरी पंक्ति की दवाओं के साथ उपचार की आवश्यकता होती है।
- वर्ष 2021 में तीन देशों में TB के वैश्विक मामलों का 42% हिस्सा था। ये देश हैं; भारत (26%), रूसी संघ (8.5%) और पाकिस्तान (7.9%)।
क्षय रोग (TB) के बारे में
- क्षय रोग (TB) एक संचारी रोग है जो खराब स्वास्थ्य का एक प्रमुख कारण है और दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी तक, एचआईवी/एड्स से ऊपर रैंकिंग वाले एकल संक्रामक एजेंट से मृत्यु का प्रमुख कारण टीबी था।
- टीबी बेसिलस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है, जो तब फैलता है जब टीबी से पीड़ित लोग बैक्टीरिया को हवा में (जैसे खांसने से) बाहर निकाल देते हैं।
- विश्व की लगभग एक चौथाई आबादी के टीबी से संक्रमित होने का अनुमान है, लेकिन अधिकांश लोगों में टीबी रोग विकसित नहीं होता और कुछ लोग संक्रमण को दूर कर देते हैं ।
- प्रत्येक वर्ष टीबी विकसित करने वाले लोगों की कुल संख्या में, लगभग 90% वयस्क होते हैं, जिनमें महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक मामले दर्ज किये जाते हैं।
- रोग आमतौर पर फेफड़ों (pulmonary टीबी) को प्रभावित करता है, लेकिन अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
नि-क्षय पोषण योजना
- वर्ष 2021 के लिए भारत में टीबी के मामले प्रति 100,000 जनसंख्या पर 210 हैं। वर्ष 2015 के आधारभूत वर्ष की तुलना में (जब भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर 256 मामले थे); 18% की गिरावट आई है जो वैश्विक औसत 11% से 7 प्रतिशत अंक बेहतर है। WHO की रिपोर्ट में सक्रिय टीबी रोग के उभार में एक सहायक कारक के रूप में अल्प पोषण का उल्लेख किया गया है और पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बताया गया है।
- इस संबंध में, टीबी कार्यक्रम की पोषण सहायता योजना – नि-क्षय पोषण योजना – कमजोर लोगों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है।
- 2020 और 2021 के दौरान, भारत ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के माध्यम से टीबी रोगियों को 89 मिलियन डॉलर (670 करोड़ रुपए) का नकद हस्तांतरण किया।
- इसके अलावा, सितंबर 2022 में, भारत की राष्ट्रपति ने व्यक्तियों और संगठनों सहित समुदाय के योगदान के माध्यम से, टीबी उपचार पर अतिरिक्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए अपनी तरह की पहली पहल, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू किया है।