अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी येलेन चाहती हैं कि भारत ‘फ्रेंड-शोरिंग’ समूह में शामिल हो
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने 11 नवंबर को नई दिल्ली में कहा कि अमेरिका भारत जैसे विश्वसनीय व्यापारिक भागीदारों के साथ आर्थिक एकीकरण को गहरा करने के ‘फ्रेंडशोरिंग’ (Fiendshoring) दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा, जो उन देशों पर निर्भरता कम करेगा जो सप्लाई चेन के लिए भू-राजनीतिक और सुरक्षा खतरा पैदा करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, आर्थिक संकट, कोविड-19 महामारी और यूएस-चीन व्यापार युद्ध के कारण विश्व स्तर पर व्यापार अवरोधों में वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 तो सबसे अधिक प्रभावित रहा है क्योंकि COVID-19 ने दुनिया की आपूर्ति श्रृंखलाओं को हिलाकर रख दिया था। इसी सन्दर्भ में ‘फ्रेंडशोरिंग’ महत्वपूर्ण हो जाती है।
‘फ्रेंडशोरिंग’ की अवधारणा
‘फ्रेंडशोरिंग’ की अवधारणा की व्याख्या करते हुए, येलेन ने कहा कि इस एप्रोच में विकासशील देशों के साथ स्थानीय उद्योगों को विकसित करने और उन्हें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) से जोड़ने के लिए भागीदारी शामिल है।
इस कांसेप्ट का मूल उद्देश्य साझा मूल्यों वाले राष्ट्रों के समूह के भीतर मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार करने के लिए व्यवसाय समूहों को प्रोत्साहित करने वाले नियमों को लागू करना है।
इस कांसेप्ट के पीछे इरादा अमेरिकी अर्थव्यवस्था या उसके व्यापार साझीदारों की अर्थव्यवस्थाओं को कमजोर करने के लिए महत्वपूर्ण कच्चे संसाधनों, प्रौद्योगिकियों, या सामानों के मामले में कुछ देशों (रूस और चीन) के द्वारा अपने बाजार प्रभुत्व का गलत तरीके से उपयोग करने से रोकना है।
फ्रेंडशोरिंग का उदाहरण देते हुए येलेन ने कहा कि पश्चिमी देशों की कंपनियों ने चीन के अपने उत्पादन केंद्रों को भारत और वियतनाम जैसे देशों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है, ताकि चीन पर निर्भरता कम हो सके।
भारत में Apple के कॉन्ट्रैक्ट निर्माता – फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन – विस्तार के चरण में हैं, चीन में iPhone निर्माण में मंदी को दूर करने के लिए अपनी सुविधाओं में अधिक असेंबली लाइनें जोड़ रहे हैं।
येलेन ने तमिलनाडु में 3.3 गीगावाट (जीडब्ल्यू) सुविधा बनाने के लिए यूएस-आधारित सौर निर्माण कंपनी फर्स्ट सोलर की $ 648 मिलियन की योजना पर भी प्रकाश डाला।
बता दें कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव येलेन और भारत की वित्त मंत्री सीतारमण ने भारत-अमेरिका आर्थिक वित्तीय साझेदारी की 9वीं बैठक का नेतृत्व किया, जहां दोनों पक्षों ने भारत की अध्यक्षता में जी20 में जलवायु वित्त, बहुपक्षीय मुद्दों, कराधान, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, भारत-अमेरिका सहयोग सहित पारस्परिक हित के मुद्दों पर चर्चा की।