सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) – मुख्य विशेषताएं एवं पात्र संस्थाएं
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने 7 अक्टूबर को घोषणा की कि उसे एक अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज (Social stock exchange: SSE) के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE): मुख्य तथ्य व विश्लेषण
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) भारत में एक नई कांसेप्ट है और इस तरह के शेयर मार्केट का उद्देश्य निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्रों को अधिक पूंजी जुटाने का विकल्प देकर उनकी सेवा करना है।
SSE का विचार सबसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण रखा था।
जुलाई 2022 में, सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) के लिए सामाजिक एंटरप्राइजेज को धन जुटाने के लिए एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया।
SSE में भाग लेने के लिए पात्र संस्थाएं हैं; सामाजिक एंटरप्राइजेज (SEs) संस्थाएं, गैर-लाभकारी संगठन (non-profit organisations: NPOs) और सोशल इंटेंट और इम्पैक्ट वाले लाभकारी सामाजिक एंटरप्राइजेज।
इस तरह के सोशल इंटेंट को वंचित या कम विशेषाधिकार प्राप्त आबादी या क्षेत्रों के लिए योग्य सामाजिक उद्देश्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करके प्रदर्शित किया जाना चाहिए। सोशल इम्पैक्ट उस परियोजना या समाधान से उत्पन्न होता है जिसके लिए SSE में धन जुटाया गया है।
सामाजिक एंटरप्राइजेज को सेबी द्वारा सूचीबद्ध 16 व्यापक गतिविधियों में से एक सामाजिक गतिविधि में संलग्न होना होगा। पात्र गतिविधियों में भूखमरी, गरीबी, कुपोषण और असमानता का उन्मूलन; स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना; शिक्षा, रोजगार और आजीविका का समर्थन करना; महिलाओं और LGBTQIA+ समुदायों का लैंगिक समानता सशक्तिकरण; और सामाजिक उद्यम इन्क्यूबेटरों का समर्थन करना।
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कॉरपोरेट फाउंडेशन, राजनीतिक या धार्मिक संगठन या राजनीतिक या धार्मिक गतिविधियां, प्रोफेशनल्स या ट्रेड एसोसिएशन्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग कंपनियां ( किफायती आवास को छोड़कर) सामाजिक एंटरप्राइजेज में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होंगी।
नए नियमों के तहत, SSE मौजूदा एक्सचेंज का एक अलग स्टॉक एक्सचेंज होगा। सितंबर 2022 में, सेबी ने SSE के लिए एक विस्तृत फ्रेमवर्क जारी किया था, जिसमें एक्सचेंजों के साथ पंजीकरण और डिस्क्लोजर आवश्यकताओं के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन (NPO) के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को निर्दिष्ट किया गया था।
NPO के लिए जीरो-कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट्स जारी करने के माध्यम से धन जुटाने की आवश्यकता और ऐसे एक्सचेंजों पर NPO द्वारा किए जाने वाले वार्षिक डिस्क्लोजर आवश्यकताएं निर्धारित की गयीं हैं।
न्यूनतम आवश्यकताओं के संबंध में, NPO को एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत होना चाहिए और कम से कम 3 वर्षों के लिए पंजीकृत होना चाहिए, उसे पिछले वित्तीय वर्ष में कम से कम 50 लाख रुपये सालाना खर्च करना चाहिए और पिछले वित्तीय वर्ष में कम से कम 10 लाख रुपये की फंडिंग प्राप्त होनीचाहिए।
लिस्टेड NPO को तिमाही के अंत से 45 दिनों के भीतर, सेबी के नियमों के तहत अनिवार्य रूप से SSE को जुटाए गए फण्ड के उपयोग का एक विवरण प्रस्तुत करना होगा।
सेबी ने SSE का उपयोग करके धन जुटाने वाले सामाजिक एंटरप्राइजेज को वित्तीय वर्ष के अंत से 90 दिनों के भीतर वार्षिक प्रभाव रिपोर्ट (Annual Impact Report: AIR) का डिस्क्लोजर करने के लिए कहा गया है।