यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा और मोंटेवीडियो कन्वेंशन
अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी के नेवार्क शहर ने भारतीय भगोड़े नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ (USK: United States of Kailasa) के साथ एक सिस्टर-सिटी समझौते को रद्द कर दिया है। नेवार्क शहर ने इस काल्पनिक देश के बारे में भ्रामक परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस घटना को “अफसोसजनक” करार दिया गया है।
नेवार्क और तथाकथित USK के बीच सिस्टर-सिटी समझौता 12 जनवरी, 2023 को संपन्न हुआ और हस्ताक्षर समारोह नेवार्क के सिटी हॉल में हुआ।
इससे पहले, USK के प्रतिनिधियों ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र की दो सार्वजनिक बैठकों में हिस्सा लिया। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) द्वारा आयोजित परिचर्चा में USK के कथित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जिनेवा में विजयप्रिया नित्यानंद नामक एक महिला को बोलते हुए देखा गया। यूएन में अपने बयान में विजयप्रिया ने दावा किया कि उनके गुरु नित्यानंद को भारत ने प्रताड़ित किया है। हालांकि, उसने बाद में एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि “संयुक्त राज्य कैलास” भारत को उच्च सम्मान देता है और भारत सरकार से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता है जो नित्यानंद और कैलासा के खिलाफ हमला करते हैं और हिंसा भड़काते हैं।
हालांकि बाद में विवाद बढ़ता देख संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय ने कहा कि इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों के लिए पंजीकरण गैर सरकारी संगठनों और आम जनता के लिए खुला है। यह भी कि कोई भी भी व्यक्ति संधि निकायों को जानकारी प्रस्तुत कर सकता
संयुक्त राज्य कैलासा के बारे में
‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ एक स्व-घोषित देश है, जिसकी स्थापना नित्यानंद ने की थी, जो बलात्कार और अपहरण का आरोपी एक विवादास्पद धर्मगुरु है, जो 2019 में भारत से भाग गया था।
हालांकि इसके अस्तित्व के बारे में किसी को पता नहीं है, सिवाय तस्वीरों और वीडियो के जो सोशल मीडिया पर पॉप अप करते रहते हैं।
निर्वासित तांत्रिक ने कथित तौर पर दक्षिण अमेरिका में इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप खरीदा था। ‘कैलासा’ को संयुक्त राष्ट्र या अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक देश के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है।
बता दें कि 1933 के मोंटेवीडियो कन्वेंशन (Montevideo Convention) के अनुसार, एक देश माने जाने के लिए, किसी क्षेत्र में स्थायी आबादी, एक सरकार और अन्य देशों के साथ संबंध रखने की क्षमता होनी चाहिए।
मोंटेवीडियो कन्वेंशन के बारे में
मोंटेवीडियो कन्वेंशन (Montevideo Convention) या देश के अधिकारों और कर्तव्यों पर मोंटेवीडियो कन्वेंशन’, 26 दिसंबर, 1933 को मोंटेवीडियो, उरुग्वे में हस्ताक्षरित समझौता है, जिसने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एक राज्य की मानक परिभाषा स्थापित की।
अमेरिकी देशों के 7 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा इस कन्वेंशन ने निर्धारित किया कि सभी देशसमान संप्रभु इकाइयाँ हैं जिनमें एक स्थायी आबादी, परिभाषित क्षेत्रीय सीमाएँ, एक सरकार और अन्य राज्यों के साथ समझौते करने की क्षमता शामिल है।
कन्वेंशन के प्रावधानों में यह भी था कि हस्ताक्षरकर्ता देश, दूसरे देश के घरेलू या विदेशी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, वे बल के प्रयोग के द्वारा क्षेत्रीय लाभ प्राप्त करने का प्रयास नहीं करेंगे और यह कि सभी विवादों को शांति से सुलझाया जाना चाहिए।