Biotransformation: ऐसी तकनीक जो प्लास्टिक को बायोडिग्रेडेबल बना सकती है

ब्रिटेन स्थित एक स्टार्टअप ने एक ऐसी तकनीक विकसित करने का दावा किया है जो प्लास्टिक की संरचना को बदल सकती है और इन्हें बायोडिग्रेडेबल बना सकती है।

कंपनी इस प्रक्रिया को “बायोट्रांसफॉर्मेशन” (Biotransformation) कहती है।

बायोट्रांसफॉर्मेशन के बारे में

स्टार्ट-अप का दावा है कि यह टेक्नोलॉजी प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट को माइक्रोब्स की मदद से स्वाभाविक रूप से पचा लेगी और कोई भी माइक्रोप्लास्टिक छोड़े बिना अपशिष्ट को बायोडिग्रेड कर देगी।

बायोट्रांसफॉर्मेशन तकनीक का उपयोग करके बनाए गए प्लास्टिक को एक प्री-प्रोग्राम्ड समय दिया जाता है, जिसके दौरान निर्मित सामग्री गुणवत्ता से समझौता किए बिना पारंपरिक प्लास्टिक की तरह दिखती और महसूस होती है।

एक बार जब उत्पाद का जीवन चक्र समाप्त हो जाता है और बाहरी वातावरण के संपर्क में आ जाता है, तो यह स्वतः नष्ट हो जाता है और बायो-अवेलेबल मोम (bioavailable wax) में बायोट्रांसफॉर्म हो जाता है। बायो-अवेलेबल किसी दवा या अन्य पदार्थ की शरीर द्वारा अवशोषित और उपयोग करने की क्षमता है।

फिर इस मोम का सूक्ष्मजीवों द्वारा उपभोग किया जाता है और अपशिष्ट को जल, CO2 और बायोमास में परिवर्तित किया जाता है।

गौरतलब है कि खाद्य पैकेजिंग और स्वास्थ्य देखभाल उद्योग, ऐसे दो प्रमुख क्षेत्र हैं जो प्लास्टिक अपशिष्ट को कम करने के लिए इस तकनीक का उपयोग कर सकते हैं।

भारत में प्लास्टिक प्रबंधन पहल

भारत सरकार ने बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 अधिसूचित किया है।

भारत सरकार ने देश में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग पर रोक लगाने के लिए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के उन्मूलन पर राष्ट्रीय डैशबोर्ड लॉन्च किया गया है।

सरकार ने विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (Extended Producer Responsibility: EPR) नियम लागू किया है और पर एक पोर्टल भी लॉन्च किया है जो उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड-मालिकों के EPR दायित्वों के संबंध में अनुपालन रिपोर्टिंग को पारदर्शी बनाता है।

सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री, उपयोग या निर्माण की जांच करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक शिकायतों की रिपोर्ट करने के लिए एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया है।

प्लास्टिक के विकल्प

जूट या कागज आधारित पैकेजिंग अपनाने से प्लास्टिक अपशिष्ट को कम किया जा सकता है।

लकड़ी से बने उत्पाद में पैकेजिंग एक अन्य विकल्प है, लेकिन यह पैकेजिंग को बड़ा बना देगा और लागत में वृद्धि करेगा।

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