शॉक डायमंड (Shock Diamonds)
कभी-कभी जब कोई रॉकेट या जेट उड़ान भरता है, तो अक्सर उसके एग्जॉस्ट में अल्टरनेटिव हल्के (लाइट) और गहरे (डार्क) पैच का एक विशिष्ट पैटर्न बनते हैं। इस पैटर्न में हल्के (लाइट) यानी चमकीले पैच को शॉक डायमंड (Shock diamonds) कहा जाता है।
ये शॉक डायमंड, जिन्हें मैक डायमंड भी कहा जाता है, एग्जॉस्ट और आसपास की हवा के बीच दबाव असंतुलन के परिणामस्वरूप बनते हैं।
चूँकि एग्जॉस्ट गैसें सुपरसोनिक गति से आगे बढ़ रही होती हैं, इसलिए उनके दबाव को बदलने के लिए एक शॉक वेव (दबाव बढ़ाने के लिए) या एक एक्सपेंशन फैन (दबाव कम करने के लिए) की आवश्यकता होती है। इंजन से बाहर निकलते ही, एग्जॉस्ट उसी ऊँचाई पर वायुमंडलीय दबाव से कम दबाव पर हो सकता है।
जैसे-जैसे एग्जॉस्ट बाहर निकलता है, वायुमंडल इसे तब तक कंप्रेस्ड करता है जब तक कि दोनों दबाव बराबर न हो जाएँ। यह भी संभव है कि एग्जॉस्ट अत्यधिक कंप्रेस्ड हो जाए, जिस पॉइंट पर यह अपने दबाव को कम करने के लिए फिर से बाहर की ओर फैल जाएगा।
यह सीसॉइंग प्रक्रिया कई बार दोहराई जा सकती है जब तक कि एग्जॉस्ट दबाव वायुमंडलीय दबाव के करीब न हो जाए। यह पूरी प्रक्रिया एग्जॉस्टप्लम में तरंगें उत्पन्न करती है, जिससे शॉक डायमंड का निर्माण होता है।