जॉन केरी ने ‘एनर्जी ट्रांजीशन एक्सेलरेटर (ETA)’ कार्बन ऑफसेट योजना लॉन्च किया

अमेरिकी जलवायु राजदूत जॉन केरी ने मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP27 में एनर्जी ट्रांजीशन एक्सेलरेटर (Energy Transition Accelerator: ETA) नामक एक कार्बन ऑफसेट योजना का अनावरण किया है जो कंपनियों को उन विकासशील देशों में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को फण्ड देने की अनुमति देगा जो जीवाश्म ईंधन छोड़ने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

  • इसे रॉकफेलर फाउंडेशन और बेजोस अर्थ फंड जैसे परोपकारी समूहों के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया है।
  • कार्बन ऑफ़सेट एक ऐसा क्रेडिट है जिसे कोई व्यक्ति या संगठन अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट को कम करने के लिए खरीद सकता है।
  • ETA योजना कार्बन ऑफसेट का एक नया वर्ग तैयार करेगी जो परियोजनाओं में निवेश का प्रतिनिधित्व करती है जो अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में तेजी लाने या विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन रेजिलिएन्सी बनाने में मदद करती है।
  • कोई कम्पनी अपने CO2 उत्सर्जन के कुछ हिस्से को संतुलित करने के लिए इन ऑफसेट को खरीद सकते हैं, और पैसा इन परियोजनाओं में जाएगा।
  • ETA साझेदारी का लक्ष्य एक हाई इंटीग्रिटी फ्रेमवर्क स्थापित करना है जो विकासशील देशों को उनके स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजीशन का समर्थन करने के लिए वित्त आकर्षित करने में सक्षम बनाता है।
  • नए कार्यक्रम के तहत इन क्रेडिट्स को खरीदने के लिए, कंपनियों को वर्ष 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और योजना के मसौदे के अनुसार उत्सर्जन के साथ-साथ लक्ष्य की ओर प्रगति पर सालाना रिपोर्ट करना चाहिए।
  • जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाली कंपनियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं है।
  • हालाँकि कई पर्यावरण समूह एनर्जी ट्रांजीशन एक्सेलरेटर से प्रभावित नहीं हैं। उनके मुताबिक इस संकल्प में विवरण की कमी है और अंततः वैश्विक उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों को कमजोर कर सकता है।
  • उनका कहना है कि यह योजना जलवायु संकट की त्वरित समस्या का समाधान नहीं करता है और यह सार्वजनिक वित्त का विकल्प नहीं हो सकता है जो विकासशील देशों को जीवाश्म ईंधन से दूर जाए। उनका यह भी तर्क है कि एक स्वैच्छिक कार्बन क्रेडिट कार्यक्रम उत्सर्जन में गहरी, वास्तविक कटौती की गारंटी नहीं देगा।
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