उत्तर प्रदेश का रानीपुर टाइगर रिजर्व बना देश का 53वां टाइगर रिज़र्व
उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने चित्रकूट जिले में रानीपुर टाइगर रिजर्व (Ranipur Tiger Reserve) को अपने चौथे बाघ अभयारण्य (fourth tiger reserve) के रूप में अधिसूचित किया है।
- यह देश का 53वां और राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व है। रानीपुर टाइगर रिजर्व (Ranipur Tiger Reserve) राज्य में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बफर) टाइगर रिजर्व के बाद उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व है।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट के माध्यम से इस जानकारी की पुष्टि की। उन्होंने ट्वीट किया कि: “यह बताते हुए (मुझे) खुशी हो रही है कि उत्तर प्रदेश में रानीपुर टाइगर रिजर्व भारत का 53 वां टाइगर रिजर्व बन गया है। 529.36 वर्ग किमी (कोर एरिया 230.32 वर्ग किमी और बफर एरिया 299.05 वर्ग किमी) में फैला नया टाइगर रिजर्व हमारे बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूत करेगा।”
रानीपुर टाइगर रिजर्व के बारे में
- उत्तर प्रदेश सरकार ने 1972 के वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम की धारा 38 (v) के तहत रानीपुर टाइगर रिजर्व की अधिसूचना को मंजूरी दी है।
- यह बाघ अभयारण्य 529.89 वर्ग किलोमीटर (वर्ग किमी) में फैला होगा, जिसमें 299.58 वर्ग किमी बफर जोन और 230 वर्ग किमी कोर क्षेत्र होगा, जिसे पहले से ही 1977 में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया था।
- टाइगर रिजर्व में उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन हैं और यह बाघ, तेंदुए, लोथ भालू, चित्तीदार हिरण, सांभर, चिंकारा और कई पक्षियों और सरीसृपों जैसे जीवों का हैबिटैट है।
- यह राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र में भी पहला टाइगर रिजर्व होगा, जिसे वह पड़ोसी मध्य प्रदेश के साथ साझा करता है।
- रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य में फ़िलहाल कोई बाघ नहीं है। लेकिन इसके पगमार्क अक्सर वहां देखे जाते हैं क्योंकि पास के पन्ना रिजर्व के बाघ अक्सर यहां आते हैं।
- दोनों संरक्षित क्षेत्र एक दूसरे से सिर्फ 150 किमी दूर हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में गन्ने के खेतों में आश्रय बनाने वाले लगभग 27 बाघों को अब चित्रकूट में नव-अधिसूचित रानीपुर टाइगर रिजर्व (RTR) में स्थानांतरित किया जाएगा। स्थानीय बोलचाल में ‘गन्ना टाइगर’ (Sugarcane tiger) के नाम से जानी जाने वाली ये बड़ी बिल्लियां पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाहरी इलाके में रहने वाली स्थानीय आबादी के लिए खतरा बनकर उभरी हैं।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा भारत में बाघों, सह-शिकारियों और शिकार की स्थिति की रिपोर्ट के अनुसार, रानीपुर बाघों की आवाजाही के लिए एक महत्वपूर्ण गलियारा है।
- वर्ष 2018 में NTCA द्वारा बाघों के अंतिम आकलन के दौरान रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य में वन विभाग द्वारा कैमरा ट्रैपिंग कराया गया था। 12 बाघों के फोटो-कैप्चर से पता चला कि रानीपुर में तीन बाघ थे – एक नर और दो मादा।