‘कैक्टस रोपण और इसके आर्थिक उपयोग’ विषय पर बैठक

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने 8 दिसंबर को नई दिल्ली में ‘कैक्टस रोपण और इसके आर्थिक उपयोग’ (Cactus Plantation and its Economic Usage) विषय पर एक परामर्श बैठक आयोजित की।

भारत के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा डेग्रेडेड भूमि की श्रेणी में है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वाटरशेड विकास घटक (WDC-PMKSY) के माध्यम से कम उर्वर भूमि में सुधार करने के लिए अधिकृत किया गया है।

विभिन्न प्रकार के वृक्षारोपण उन गतिविधियों में से एक है जो कम उर्वर भूमि को सुधार करने में सहायता करते हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि देश के व्यापक लाभ के लिए जैव-ईंधन, भोजन, चारा और जैव-उर्वरक उत्पादन के लिए कैक्टस के उपयोग के लाभों को साकार करने के लिए कम उर्वर भूमि पर कैक्टस के रोपण के लिए विभिन्न विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए।

कैक्टस के बारे में

कैक्टस एक जेरोफाइटिक (Xerophytic) पौधा है जो वैसे तो अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ता है, लेकिन इसमें अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा, यह देश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC)’ और ‘सतत विकास लक्ष्यों (SDG)’ को प्राप्त करने में भी काफी मदद करेगा। कैक्टस के पौधे परती भूमि वाले क्षेत्रों के किसानों द्वारा उगाए जाएंगे, यदि इनसे होने वाला लाभ उनकी आय के मौजूदा स्तर से अधिक रहता है।

कैक्टस लगभग अनन्य रूप से नई दुनिया के पौधे (New World plants) हैं। इसका मतलब है कि ये केवल उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और वेस्ट इंडीज की नेटिव स्पीशीज हैं।

कैक्टस अपने पोषक तत्वों के साथ-साथ अपने औषधीय महत्व के लिए जाने जाते हैं। कैक्टस पैड और कैक्टस फल, दोनों ही संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं और हैंगओवर से लेकर उच्च कोलेस्ट्रॉल तक किसी भी चीज के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

कैक्टस पैड और कैक्टस फल, दोनों ही फाइबर से भरपूर होते हैं, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं।

कैक्टस में विटामिन C, E, A, आयरन, कैल्शियम और बहुत कुछ होता है। पोषक तत्वों की यह विस्तृत श्रृंखला शरीर में अधिक सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।

जीरोफाइट्स

जीरोफाइट्स/(Xerophytic) (शुष्क+पौधा) वे पौधे हैं जो अत्यधिक शुष्क स्थानों में उगने में सक्षम होते हैं। जब जल प्रचुर मात्रा में होता है, तो उनकी वाष्पोत्सर्जन की दर अन्य पौधों की तरह ही होती है। हालाँकि लंबे समय तक सूखे में, उनके पास जीवित रहने के कई तंत्र हैं जो उन्हें बचाये रखते हैं।

जेरोफाइट्स के कुछ उदाहरण हैं; कैक्टस, अनानास और कुछ जिम्नोस्पर्म पौधे।

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