वेणु बप्पू वेधशाला में टेलीस्कोप के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन

तमिलनाडु के कवलूर (Kavalur) में वेणु बप्पू वेधशाला (Vainu Bappu Observatory) में 40 इंच के टेलीस्कोप, जिसने कई तारकीय खोज की है, इस वर्ष 15-16 दिसंबर को इसके संचालन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया।

वेणु बप्पू वेधशाला

प्रोफेसर वेणु बप्पू द्वारा स्थापित इस टेलीस्कोप ने यूरेनस ग्रह के चारों ओर रिंग की उपस्थिति, यूरेनस के एक नए उपग्रह की खोज, बृहस्पति के उपग्रह गेनीमेड के चारों ओर वायुमंडल की उपस्थिति जैसी प्रमुख खोजों के साथ ही खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस टेलीस्कोप के साथ किए गए अन्य महत्वपूर्ण शोधों में कई ‘भविष्य के तारों’ (Be stars) की खोज और उनके अध्ययन, विशाल सितारों में लिथियम के कम होते स्तर, ज्वालापुन्जों में प्रकाशिक परिवर्तनशीलता (optical variability in Blazars), प्रसिद्ध सुपरनोवा SN 1987A की डाइनामिक्स आदि शामिल हैं।

प्रोफेसर वेणु बप्पू ने कवलूर को वेधशाला के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में चुना क्योंकि कवलूर के ऊपर का आकाश साफ था और इसका दक्षिणी छोर इससे उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों के आकाशों के अधिकतर भाग को देखा जा सकता था।

वेधशाला का संचालन शुरू होने के कुछ वर्षों बाद प्रो. बप्पू ने जेना (तत्कालीन पूर्वी जर्मनी) के कार्ल जीस को 40 इंच के टेलीस्कोप के लिए ऑर्डर दिया जिसे बाद में 1972 में स्थापित किया गया था।

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