SDN 1 और SDN 2 जीनोम एडिटेड पौधों के लिए SOP जारी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अक्टूबर 2022 में “साइट डायरेक्टेड न्यूक्लीज (site directed nuclease: SDN) 1 और SDN-2 की श्रेणियां, 2022 के अंतर्गत जीनोम एडिटेड पौधों की रेगुलेटरी रिव्यु के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) अधिसूचित की है।
अधिसूचना SDN-1 और SDN-2 श्रेणियों के तहत अंतर्गत जीनोम एडिटेड पौधों के विकास और ऑपरेशनल रिसर्च में शामिल सभी संगठनों के लिए लागू होंगी।
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 से छूट
बता दें कि मई 2022 में एक अधिसूचना के द्वारा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जीनोम एडिटेड पौधों की SDN-1 और SDN-2 श्रेणियों को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के नियम 1989 के प्रावधान 7 से 11 के कड़े प्रावधानों से छूट दिया था ताकि जीनोम एडिटिंग के द्वारा पौधों की नयी किस्मों का तेजी से विकास किया जा सके।
यह जेनेटिक मॉडिफिकेशन (GM) नहीं है जिसमे पौधों में बाहरी जीन प्रवेश कराया जाता है और जिसकी मंजूरी मुश्किल है।
इन दिशानिर्देशों और SOP से पौधों की किस्मों के विकास में तेजी आएगी और अनुमोदन के समय में कमी आने की उम्मीद है।
सुधरे लक्षणों वाली पौधों की नई प्रजातियां किसान की आय बढ़ाने में योगदान देंगी।
SDN 1, SDN 2 और SDN 3
जीनोम एडिटिंग की प्रकृति के आधार पर, प्रक्रिया को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है – SDN 1, SDN 2 और SDN 3 ।
SDN 1 होस्ट जीनोम के डीएनए में छोटे बदलाव के माध्यम से परिवर्तन लाता है।
SDN 2 के मामले में, एडिटिंग में विशिष्ट परिवर्तन उत्पन्न करने के लिए एक छोटे डीएनए टेम्पलेट का उपयोग करना शामिल है।
इन दोनों प्रक्रियाओं में बाहर से आनुवंशिक सामग्री प्रवेश नहीं कराया जाता है और अंतिम परिणाम पारंपरिक किस्म वाली फसल की किस्मों से भेद करना मुश्किल होता है।
दूसरी ओर, SDN3 प्रक्रिया में बड़े डीएनए तत्व या बाहर से जीन प्रवेश कराया जाता है जो इसे आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (Genetically modified organism: GMO) के विकास के समान बनाते हैं। SDN3 के मामले में छूट नहीं दी गयी है।