साइबेरिया के पर्माफ्रॉस्ट में 48,000 साल पुराने ‘ज़ोंबी वायरस’ को पुनर्जीवित किया गया

Permafrost (Flickr)

वैज्ञानिकों ने रूस के साइबेरिया के पर्माफ्रॉस्ट (permafrost) क्षेत्र में पाए गए 48,000 साल पुराने ‘ज़ोंबी वायरस’ (zombie virus) को पुनर्जीवित किया है।

कुल 13 नए विषाणुओं की पहचान वैज्ञानिकों द्वारा की गई है।

ज़ोंबी वायरस रूस में जमी हुई झील के नीचे दब गया था, और इसका पता फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्चर्स के वैज्ञानिकों ने लगाया था।

उन्होंने साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से एक दर्जन से अधिक पुरातन वायरस पाए और उनमें से सबसे पुराना, जिसे पैंडोरावायरस येडोमा (Pandoravirus yedoma) कहा जाता है, 48,500 साल पुराना माना जाता है।

वायरस की खोज करने वाले शोधकर्ताओं की यूरोपीय टीम के अनुसार, इस बात की आशंका है कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से प्राचीन पर्माफ्रॉस्ट पिघलेंगे जिससे ये अज्ञात वायरस बाहर आ जायेंगे।

वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि पर्माफ्रॉस्ट पिघलने के बाद यह क्षेत्र रहने लायक हो जायेगा और मानव बस्तियां बसेंगी जिससे बाहर निकले वायरस मानव को संक्रमित करेगा

क्या है Permafrost?

Permafrost ऐसी कोई भी ज़मीन है जो कम से कम दो साल तक पूरी तरह से -32°F (0°C) या इससे अधिक ठंडी पर जमी हुई रहती है।

ये स्थायी रूप से जमे हुए मैदान ऊंचे पहाड़ों वाले क्षेत्रों में और पृथ्वी के उच्च अक्षांशों यानी उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास सबसे आम हैं।

पर्माफ्रॉस्ट मृदा, चट्टानों और रेत के संयोजन से बना है जो बर्फ द्वारा एक साथ बंधे होते हैं।

पर्माफ्रॉस्ट में मृदा और बर्फ साल भर जमी रहती है। पर्माफ्रॉस्ट के ऊपर मृदा की एक परत साल भर जमी नहीं रहती है। यह परत, सक्रिय परत कहलाती है, क्योंकि यह ऊपरी परत अधीक गर्मियों के महीनों के दौरान पिघल जाती है और तापमान गिरावट के बाद फिर से जम जाती है।

पर्माफ्रॉस्ट पिघलने के दुष्प्रभाव

पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से हमारे ग्रह और उस पर रहने वाली चीजों पर नाटकीय प्रभाव पड़ सकता है। उदाहरण के लिए:

  • उत्तरी ध्रुव के कई पर्माफ्रॉस्ट पर बने हैं। जब पर्माफ्रॉस्ट जम जाता है, तो यह कंक्रीट से भी सख्त होता है। हालांकि, पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से घरों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट किया जा सकता है
  • जब पर्माफ्रॉस्ट जम जाता है, तो मिट्टी में पौधे सामग्री – जिसे कार्बनिक कार्बन कहा जाता है – सड़ नहीं सकता। जैसे ही पर्माफ्रॉस्ट पिघलता है, रोगाणु इस सामग्री को विघटित करना शुरू कर देते हैं। यह प्रक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों को वायुमंडल में उत्सर्जित करती है।
  • जब पर्माफ्रॉस्ट पिघलता है, तब प्राचीन बैक्टीरिया और वायरस भी बर्फ और मृदा में पिघल जाते हैं। ये नए-नए जमे हुए सूक्ष्म जीव मनुष्यों और जानवरों को बहुत बीमार कर सकते हैं।
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