Molten rock layer: वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के नीचे छिपी हुई पिघली हुई चट्टान की परत का पता लगाया है
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की भूपर्पटी (crust) के नीचे आंशिक रूप से पिघली हुई चट्टान की एक नई परत की खोज की है जो टेक्टोनिक प्लेटों की गति के बारे में लंबे समय से चली आ रही बहस को सुलझाने में मदद कर सकती है। इस खोज से संबंधित शोध 6 फरवरी, 2023 को नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
- शोध पत्र के अनुसार, पिघली हुई चट्टान एस्थेनोस्फीयर (asthenosphere) में है, जो मेंटल की ऊपरी परत है और यह पृथ्वी की सतह से लगभग 50 मील (80 किमी) और 124 मील (200 किमी) के बीच स्थित है।
- मेंटल ठोस चट्टान की 2,900 किमी मोटी परत है जो पृथ्वी की ऊपरी परत और निचली कोर के बीच विद्यमान है। मेंटल पृथ्वी की आंतरिक संरचना का सबसे बड़ा हिस्सा बनाता है।
- एस्थेनोस्फीयर प्लेट टेक्टोनिक्स के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अपेक्षाकृत नरम सीमा का निर्माण करता है जो टेक्टोनिक प्लेट्स को मैंटल के माध्यम से आगे बढ़ने देता है। हालांकि, इसके नरम होने के कारणों को अच्छी तरह से नहीं समझा जा सका था।
- वैज्ञानिकों ने पहले सोचा था कि पिघली हुई चट्टानें एक कारक हो सकती हैं। मेंटल की इस परत के बारे में जानने का एकमात्र तरीका भूकंप के दौरान उत्सर्जित भूकंपीय तरंगें हैं। शोधकर्ता दुनिया भर में स्थापित भूकंपीय स्टेशनों पर तरंगों का पता लगा सकते हैं, तरंगों में सूक्ष्म परिवर्तनों की तलाश कर सकते हैं जो इंगित करते हैं कि तरंगें किस प्रकार की सामग्री से गुजरती हैं।
- मौजूदा शोध से जुड़े शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के 716 स्टेशनों पर पाई गई हजारों भूकंपीय तरंगों से डेटा एकत्र किया। उन्होंने पाया कि पिघली हुई चट्टान के क्षेत्र छोटे नहीं है वरन एस्थेनोस्फीयर में जो आंशिक रूप से पिघली हुई परत दिखाई देती है वह वास्तव में पृथ्वी के कम से कम 44% हिस्से के नीचे दुनिया भर में फैली हुई है।
- नए अध्ययन से यह भी पता चलता है कि यह पिघलन (मेल्ट), वास्तव में, मेंटल चट्टानों के प्रवाह को विशेष रूप से प्रभावित नहीं करता है। शोध के अनुसार, मेंटल में ऊष्मा का संवहन और चट्टान टेक्टोनिक टेक्टोनिक प्लेट्स की गति को प्रभावित करता है। यह भी कि भले ही पृथ्वी का आंतरिक भाग काफी हद तक ठोस है, लेकिन लंबे समय तक, चट्टानें शहद की तरह स्थानांतरित और प्रवाहित हो सकती हैं।
पृथ्वी की आंतरिक संरचना कैसी है?
कोर, मेंटल और क्रस्ट पृथ्वी के आंतरिक भाग की तीन मुख्य संकेंद्रित परतें हैं।
कोर (Core)
- पृथ्वी के केंद्र के चारों ओर की सबसे भीतरी परत को कोर (Core) कहा जाता है, जिसकी त्रिज्या लगभग 3500 किलोमीटर है। कोर पृथ्वी की सबसे घनी परत है जिसका घनत्व 9.5 से 14.5 और कभी-कभी इससे भी अधिक होता है।
- यह मुख्य रूप से लोहे और निकल से बना है, इसलिए इसे आमतौर पर निफे/Nife (निकल+फेरम) के नाम से जाना जाता है।
- कोर में दो उप-परतें होती हैं। भीतर वाला ठोस है और बाहरी अर्धतरल है।
मेंटल (mantle)
- कोर के चारों ओर की परत को मेंटल (mantle) के रूप में जाना जाता है, लगभग 2900 किलोमीटर मोटी चट्टान का खोल और बुनियादी सिलिकेट्स से बना होता है।
- मेंटल के प्रमुख घटक तत्व मैग्नीशियम और सिलिकॉन हैं, इसलिए, इस परत को सिमा/Sima (सिलिका+मैग्नीशियम) कहा जाता है। इस परत का घनत्व 3.3 से 5.7 के बीच है।
क्रस्ट (crust)
- मेंटल पृथ्वी की सबसे बाहरी परत से घिरा हुआ है, जिसे लिथोस्फीयर (lithosphere) यानी स्थलमंडल के रूप में जाना जाता है और इसका घनत्व 2.70 से 2.95 तक भिन्न होता है।
- लिथोस्फीयर के प्रमुख घटक तत्व सिलिका (Si) और एल्यूमीनियम (Al) हैं, इसलिए इस परत को सियाल/Sial (सिलिका + एल्युमिनियम) कहा जाता है।
- लिथोस्फीयर का सबसे बाहरी हिस्सा क्रस्ट (crust) के रूप में जाना जाता है, आमतौर पर लगभग 8 से 40 किलोमीटर मोटा होता है।