वर्ष 2022-23 में पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना
भारत सरकार ने 2022-23 के लिए पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (Scheme Special Assistance to States for Capital Investment for 2022-23) के तहत इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को दीर्घकालिक पूंजीगत व्यय के 60,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
इस योजना के तहत राज्य सरकारों को पूंजी निवेश परियोजनाओं के लिए 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे सड़कों, बंदरगाहों, पुलों, हवाई अड्डों और राजमार्गों के निर्माण में खर्च किया जाना है।
इस योजना के तहत राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 1 ट्रिलियन रुपये देने की परिकल्पना की गई है, जो राज्यों के लिए स्वीकृत सामान्य उधारी के ऊपर और उससे अधिक (over and above the normal borrowing) है।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादक परिसंपत्तियों के निर्माण (Capex) के लिए स्थानीय प्रशासन को अधिक वित्तीय संसाधन मिले, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और बिहार इंफ्रास्ट्रक्टर के वित्तपोषण से सबसे बड़े लाभार्थी के रूप में उभरे हैं।
अब तक, सरकार ने योजना के तहत 60,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिनमें से 30,000 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
इस योजना के तहत 80,000 करोड़ रुपये पंद्रहवें वित्त आयोग (FFC) के फॉर्मूले के आधार पर दिए जाने हैं जबकि शेष 20,000 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स से जुड़ी है जिनमें भारतनेट के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना, पीएम ग्राम सड़क योजना के राज्य घटक, गतिशक्ति मास्टर प्लान के तहत परियोजनाएं और शहरी क्षेत्र में सुधार शामिल हैं।