SC live transcription: सुप्रीम कोर्ट ने प्रायोगिक तौर पर अपनी कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन शुरू किया
सुप्रीम कोर्ट ने 21 फरवरी को देश में पहली बार अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उच्च तकनीक वाले टूल्स का उपयोग करते हुए अदालती कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन (live transcription) शुरू किया।
प्रमुख तथ्य
- AI ट्रांसक्रिप्ट को कोर्ट रूम नंबर 1 की लाइव-स्ट्रीमिंग स्क्रीन पर देखा जा सकता है, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अदालत है।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की बेंच महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है।
- पीठ ने 16 फरवरी को नबाम रेबिया बनाम डिप्टी स्पीकर (Nabam Rebia vs Deputy Speaker) मामले में अदालत के 2016 के फैसले पर पुनर्विचार करने के सवाल पर फैसला टाल दिया था। नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था कि जब खुद विधान सभा के अध्यक्ष के हटाने के मामला लंबित हो तो वह किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने की याचिका पर फैसला नहीं दे सकता।
- SC ट्रांसक्रिप्शन Teres का प्लेटफार्म उपयोग करता है जो अक्सर मध्यस्थता की कार्यवाही को ट्रांसक्रिप्ट करने के लिए किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म नोमोलॉजी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा चलाया जाता है।
- लाइव-ट्रांसक्रिप्शन संसाधन बनाने में मदद करेगा और शीर्ष अदालत के निर्णय और बहस का रिकॉर्ड रखने में कामयाब होगा।
- लाइव ट्रांसक्रिप्शन से न केवल वकीलों बल्कि लॉ कॉलेजों के छात्रों को भी मदद मिलेगी, जो यह जान सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इन महत्वपूर्ण मामलों पर कैसे बहस हुई।
- बता दें कि हाल-फ़िलहाल में सुप्रीम कोर्ट ने टेक्नोलॉजी के उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण पहलें की है। इनमें अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग, अदालत के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल, डिजिटल कोर्ट डेस्कटॉप एप्लिकेशन, ई-फाइलिंग और वकीलों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति पर्ची शामिल है। ये पहलें सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के नेतृत्व में की जा रही हैं जिसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ हैं।
- अगस्त 2022 के अंतिम सप्ताह में, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्यवाही को पहली बार लाइव-स्ट्रीम किया था।