सैंड माइनिंग फ्रेमवर्क और भारत में रेत खनन प्रशासन
केंद्रीय खान मंत्रालय ने रेत खनन में सततता, उपलब्धता, वहनीयता और पारदर्शिता (sustainability, availability, affordability, and transparency) के उद्देश्यों से ‘सैंड माइनिंग फ्रेमवर्क’ (Sand Mining Framework) तैयार किया है।
फ्रेमवर्क में रेत खनन में सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया गया है। इस पर राज्यों के खनन विभागों से परामर्श किया गया है।
भारत में रेत खनन (Sand mining) प्रशासन
खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (MMDR Act ) की धारा 3 (e) के तहत रेत एक माइनर मिनरल या लघु खनिज (minor mineral) है।
MMDR अधिनियम की धारा 15 राज्य सरकारों को माइनर खनिजों के संबंध में खदान पट्टों, खनन पट्टों या अन्य खनिज रियायतों के अनुदान को विनियमित करने और उनसे जुड़े उद्देश्यों के लिए नियम बनाने का अधिकार देती है।
इसलिए, माइनर खनिजों का विनियमन राज्य सरकारों के विधायी और प्रशासनिक डोमेन के अंतर्गत आता है।
इसके अलावा, MMDR अधिनियम की धारा 23C राज्य सरकारों को खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने और उससे जुड़े उद्देश्यों के लिए नियम बनाने का अधिकार देती है।
इसलिए, अवैध खनन पर नियंत्रण राज्य सरकारों के विधायी और प्रशासनिक दायरे में आता है।