सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम कॉलेजियम की चर्चाओं पर लागू नहीं होता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत 12 दिसंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक के विवरण की मांग की गई थी।

न्यायालय ने निर्णय दिया कि चर्चा को जनता के सामने प्रकट नहीं किया जा सकता है और केवल कॉलेजियम का अंतिम निर्णय वेबसाइट में अपलोड किया जायेगा।

मुख्य तथ्य

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम कॉलेजियम की चर्चाओं पर लागू नहीं होता है, केवल कॉलेजियम में सभी न्यायाधीशों द्वारा तैयार और हस्ताक्षरित एक संकल्प को अंतिम निर्णय कहा जा सकता है।
  • यह अंतरिम निर्णय जनता की जानकारी लिए खुला है।
  • पीठ ने कहा कि जजों की नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम द्वारा पारित वास्तविक प्रस्ताव को ही कॉलेजियम का अंतिम निर्णय कहा जा सकता है जो विचार-विमर्श और परामर्श की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कॉलेजियम के सभी सदस्यों द्वारा तैयार और हस्ताक्षरित दस्तावेज है।
  • याचिकाकर्ता और RTI कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने दिसंबर 2018 की बैठक में एक न्यायाधीश (जस्टिस मदन लोकुर) द्वारा दिए गए साक्षात्कार को आधार बनाया था जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय के दो मुख्य न्यायाधीशों को पदोन्नति की सिफारिश करने के निर्णय को अंतिम रूप दिया गया था लेकिन उक्त बैठक और उक्त निर्णय को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद बदल दिया गया था। उक्त रिपोर्टों के आधार पर, याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2018 की कॉलेजियम बैठक का विवरण मांगा था।

भारत का मुख्य न्यायाधीश-पब्लिक अथॉरिटी

  • बता दें कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने निर्णय दिया था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत एक ‘पब्लिक अथॉरिटी ‘ है।
  • संविधान पीठ के मुख्य फैसले में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय एक ‘पब्लिक अथॉरिटी’ है और CJI इस संस्था का अभिन्न अंग है। इसलिए, यदि सर्वोच्च न्यायालय एक पब्लिक अथॉरिटी है, तो CJI का कार्यालय भी है।
  • RTI अधिनियम की धारा 2 (h ) के तहत, पब्लिक अथॉरिटी” का अर्थ ऐसे किसी भी अथॉरिटी या निकाय या संस्था या स्व-सरकार से है जिसे (A) संविधान द्वारा या उसके तहत; (B) संसद द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून द्वारा; (C) राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून द्वारा स्थापित या गठित किया गया है।
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