स्टेम सेल से काइमेरिक बंदर के जन्म का पहला उदाहरण
चीन में शोधकर्ताओं ने स्टेम सेल लाइन से प्राप्त कोशिकाओं से काइमेरिक बंदर के पहले जीवित जन्म (live birth of a chimeric monkey) में सफलता प्राप्त की है।
काइमेरिक बंदर
यह स्टेम कोशिकाओं से निर्मित प्राइमेट काइमेरा का दुनिया का पहला जीवित जन्म है। इस बंदर का जन्म आनुवंशिक रूप से भिन्न दो सिनोमोलगस बंदरों (cynomolgus monkeys) से प्राप्त कोशिकाओं से हुआ।
इन बंदरों को क्रैब ईटिंग मकाक के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रजाति के बन्दर का उपयोग कई जैव चिकित्सा अध्ययनों में किया जाता है।
जीवित काइमेरिक बंदर पैदा करने के लिए, शोधकर्ताओं ने सात दिन पुराने भ्रूण से नौ स्टेम सेल लाइनें निकालीं। फिर कोशिकाओं को प्लुरिपोटेंट/pluripotent (विभिन्न कोशिका ऊतकों में विकसित होने की क्षमता) होने की पुष्टि की गई जो एक जीवित जानवर को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।
प्रारंभिक भ्रूणों में इंजेक्ट करने से पहले कोशिकाओं को ग्रीन फ्लोरोसेंट प्रोटीन के साथ लेबल किया गया था, जिसे बाद में मादा बंदरों में प्रत्यारोपित किया गया। इस उपलब्धि में, वैज्ञानिक मानव रोगों का अध्ययन करने और एंडेंजर्ड डीएनए को स्थानांतरित करने के लिए अंतर-प्रजाति काइमेरा (interspecies chimeras) बनाने के अवसर देख रहे हैं।
इस विधि का उपयोग एंडेंजर्ड जानवरों और समान गैर-एंडेंजर्ड प्रजातियों के बीच अंतर-प्रजाति काइमेरा बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
स्टेम कोशिका
स्टेम कोशिकाओं (Stem cells) में खुद को नवीनीकृत करने की असाधारण क्षमता होती है। प्रारंभिक जीवन और विकास के दौरान वे शरीर में कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं।
स्टेम सेल की कई मुख्य श्रेणियां हैं: “प्लुरिपोटेंट” स्टेम कोशिकाएं (भ्रूण स्टेम कोशिकाएं और इंड्यूस्ड प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएं) और गैर-भ्रूणीय या सोमेटिक स्टेम कोशिकाएं (आमतौर पर “वयस्क” स्टेम कोशिकाएं )।
प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं में वयस्क शरीर की सभी कोशिकाओं में विकसित होने की क्षमता होती है।
वयस्क स्टेम कोशिकाएँ एक ऊतक या अंग में पाई जाती हैं और उस ऊतक या अंग की विशिष्ट कोशिका विकसित हो सकती हैं।
2006 में, शोधकर्ताओं ने ऐसी स्थितियों की पहचान की जो कुछ परिपक्व मानव वयस्क कोशिकाओं को भ्रूण स्टेम सेल जैसी स्थिति में पुन: प्रोग्राम करने की अनुमति देगी। इसे इंड्यूस्ड प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल (iPSCs) कहा जाता है।