जनता के पास नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 4 नवंबर को जारी मुद्रा आपूर्ति (money supply) पर पाक्षिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर, 2022 को जनता के पास 30.88 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा (currency with the public) थी। इसका मतलब है कि वर्तमान में जनता के पास नकदी 4 नवंबर 2016 को समाप्त पखवाड़े के स्तर से लगभग 71.84 प्रतिशत अधिक है।

  • रिजर्व मनी पर केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार 4 नवंबर 2016 को करेंसी इन सर्कुलेशन 17.7 लाख करोड़ रुपये था। बता दें कि 8 नवंबर 2016 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन को कम करने के उद्देश्य से 500 और 1,000 मूल्यवर्ग के नोटों को वापस लेने के निर्णय की घोषणा की थी जिसे विमुद्रीकरण कहा जाता है।

जनता के पास मुद्रा (currency with the public)

  • जनता के पास मुद्रा (currency with the public) से तात्पर्य उन नोटों और सिक्कों से है जिनका उपयोग लोग लेन-देन करने, व्यापार निपटाने और सामान और सेवाओं को खरीदने के लिए करते हैं।
  • करेंसी इन सर्कुलेशन में से से बैंकों के पास के कैश को घटाकर जनता के पास मुद्रा का आंकड़ा निकाला जाता है।

डिजिटल भुगतान के लिए प्रमुख पहल

  • प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (PMGDISHA): इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने 31.03.2020 तक 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) को कवर करके ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता की शुरुआत करने के लिए “प्रधान मंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा)” शुरू किया है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने 14-18 फरवरी, 2022 के बीच “गो डिजिटल, गो सिक्योर” थीम के साथ वित्तीय साक्षरता सप्ताह आयोजित किया ताकि (ए) डिजिटल लेनदेन की सुविधा के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके; (बी) डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा; और (सी) ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • बैंकों की ग्रामीण शाखाओं को RBI द्वारा प्रति माह एक शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें वित्तीय जागरूकता संदेश (Financial Awareness Messages: FAME) पुस्तिका का हिस्सा होने वाले सभी संदेशों को शामिल किया जाता है, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण पर संदेश यानी मिस-सेलिंग, सचेत पोर्टल, शिकायत निवारण तंत्र आदि शामिल हैं।
  • केंद्र वित्तीय साक्षरता के लिए ब्लॉक स्तर पर वृद्ध और दिव्यांग ग्राहकों के लिए विशेष सुविधाओं से संबंधित संदेश प्रसारित करने के लिए स्थापित किया गया है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता और डिजिटल भुगतान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हाल में ई-रुपया की दिशा में भारतीय रिजर्व द्वारा कदम उठाया गया है।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (DBU) राष्ट्र को समर्पित कीं। ये एक ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है जो न्यूनतम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से अधिकतम सेवाएं देने का काम करेगी। ये सेवाएं कागजी लिखापढ़ी और झंझटों से मुक्त होंगी, और पहले से कहीं ज्यादा आसान होंगी। यानी, इनमें सुविधा होगी, और एक मजबूत डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा भी होगी।
  • 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से विभिन्न योजनाओं में अंतरित की गई है।

डिजिटल भुगतान के लिए कई मोड शुरू किये गए हैं। ये हैं:

  • AePS (Aadhaar Enabled Payment System): शाखा/बीसी प्‍वाइंट्स पर आधार सत्यापन का उपयोग करके नकदी की निकासी में मदद करता है।
  • भीम आधार पे: आधार सत्यापन का उपयोग करके कारोबारियों को भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
  • रुपे डेबिट कार्ड: ये कार्ड नकदी की निकासी के लिए एटीएम पर और डिजिटल भुगतान के लिए प्‍वाइंट्स ऑफ सेल (POS) पर तथा ई-कॉमर्स में उपयोग किए जा सकते हैं।
  • यूपीआई (UPI): यह रियल टाइम तत्काल भुगतान प्रणाली है जो व्यक्ति से व्यक्ति के बीच (पी2पी) और व्यक्ति से कारोबारी के बीच (पी2एम) दोनों ही तरह के लेन-देन में मददगार है।
  • BBPS (Bharat Bill Pay System): यह नकद एवं डिजिटल मोड, दोनों का ही उपयोग करके इंटरनेट और बीसी प्‍वाइंट्स के माध्यम से उपयोगिता (यूटिलिटी) बिलों के भुगतान में मददगार है।
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