भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए विनियामक फ्रेमवर्क में संशोधन किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों (urban cooperative banks: UCBs) के लिए विनियामक फ्रेमवर्क को संशोधित किया है।
संशोधित UCB फ्रेमवर्क के प्रमुख प्रावधान
न्यूनतम नेटवर्थ: संशोधित फ्रेमवर्क में टियर 1 फ्रेमवर्क के लिए 2 करोड़ रुपये और अन्य UCBs के लिए 5 करोड़ रुपये का न्यूनतम नेटवर्थ निर्धारित किया गया है।
CRAR: टियर 1 UCB निरंतर आधार पर 9 प्रतिशत की पूंजी की तुलना में जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (capital to risk weighted assets ratio: CRAR) के लिए न्यूनतम पूंजी बनाए रखना जारी रखेंगे, वहीं टियर 2 से टियर 4 UCB निरंतर आधार पर 12 प्रतिशत का न्यूनतम CRAR बनाए रखेंगे।
टीयर 1 UCB : सभी यूनिट शहरी सहकारी बैंक और वेतन भोगी UCB (उनका डिपॉजिट आकार कितना भी हो), और अन्य सभी UCB जिनके पास 100 करोड़ रुपये तक की जमा राशि है, को टीयर 1 UCB के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- वेतन भोगी (Salary Earner) शहरी सहकारी बैंक सरकारी विभागों/सार्वजनिक उपक्रमों/बड़े प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों द्वारा सहयोग के सिद्धांतों पर आपसी मदद के लिए स्थापित किए गए किफायती सोसाइटी हैं। इन समितियों ने भी ‘बैंक’ शब्द का प्रयोग करना शुरू कर दिया था और जनता के सदस्यों से जमा स्वीकार करना आरम्भ कर दिया।
टियर 2 UCB 100 करोड़ रुपये से अधिक और 1,000 करोड़ रुपये तक की जमा राशि वाले UCB हैं;
Tier 3 UCB 1,000 करोड़ रुपये से अधिक और 10,000 करोड़ रुपये तक की जमा राशि वाले UCB हैं; और
टीयर 4 UCB 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा वाले बैंक हैं।
UCB, जो वर्तमान में न्यूनतम नेटवर्थ की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से 2 करोड़ रुपये या 5 करोड़ रुपये का न्यूनतम नेटवर्थ प्राप्त करना होगा।
वित्तीय रूप से मजबूत और अच्छी तरह से प्रबंधित (FSWM) UCBs
RBI ने शहरी सहकारी बैंकों ( UCB) को वित्तीय रूप से मजबूत और अच्छी तरह से प्रबंधित (financially sound and well managed: FSWM) मानने के लिए मानदंडों में भी संशोधन किया है।
मानदंडों में से एक यह है कि FSWM का दर्जा पाने के लिए पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान विनियामक निर्देशों/दिशानिर्देशों के उल्लंघन के कारण UCB पर कोई मौद्रिक जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।
एक UCB जो न्यूनतम CRAR से कम से कम 1 प्रतिशत अधिक CRAR रखने से संबंधित मानदंडों को पूरा करता है और जिसकी 3 प्रतिशत से कम की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPAs) उसे FSWM के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
FSWM के अन्य मानदंडों में शामिल हैं: पिछले चार वर्षों में से कम से कम तीन वर्षों में शुद्ध लाभ हुआ हो, बशर्ते कि तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष में शुद्ध हानि न हुई हो; पिछले वित्तीय वर्ष में नकद आरक्षित अनुपात/सांविधिक तरलता अनुपात के रखरखाव में कोई डिफ़ॉल्ट नहीं हुआ हो; और जिनका मजूबत आंतरिक नियंत्रण प्रणाली हो।
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