RBI ने इंटर-ऑपरेबल रेगुलेटरी सैंडबॉक्स के लिए SOP की घोषणा की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 12 अक्टूबर को एक से अधिक विनियामकों (regulator) के दायरे में आने वाले नए फिनटेक उत्पादों और सेवाओं को विनियमित करने के लिए इंटरऑपरेबल रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (regulatory sandbox) के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की घोषणा की।

इस कदम का उद्देश्य एक स्पष्ट अधिकार क्षेत्र विकसित करना है जहां RBI, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Irdai), पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) सहित कई नियामकों को शामिल करने वाले अतिव्यापी क्षेत्र (overlapping area) हैं।

एक नियामक सैंडबॉक्स एक फ्रेमवर्क है जो पर्यवेक्षण के तहत नियंत्रित वातावरण में लाइव एक्सपेरिमेंट की अनुमति देता है।

फ्रेमवर्क के तहत, उत्पाद की प्रमुख फीचर रेगुलेटर और रेगुलेटर के प्रभाव को निर्धारित करेगी। जिसके अधिकार क्षेत्र में ऐसी प्रमुख फीचर होगी, वह प्रधान रेगुलेटर होगा जबकि अन्य एसोसिएट रेगुलेटर होंगे।

प्रमुख फीचर का निर्धारण उत्पाद के लिए मांगी गई छूटों की संख्या और उत्पाद के प्रकार के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

SOP फिनटेक पर अंतर-विनियामक तकनीकी समूह ( inter-regulatory technical group) द्वारा तैयार किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता RBI के फिनटेक विभाग के मुख्य महाप्रबंधक करते हैं जबकि Sebi, Irdai, IFSCA, PFRDA और केंद्र सरकार अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शामिल होते हैं।

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