पुराना किला: ASI ने ‘आरंभिक वासियों’ की पहचान उजागर करने के लिए खुदाई शुरू की
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने पुराना किला (Purana Qila) में उन खंडों को फिर से खोलना शुरू कर दिया है, जो पिछले एक दशक में पिछली दो उत्खनन परियोजनाओं के दौरान खोदी गई थीं।
- वर्तमान उत्खनन का उद्देश्य इस ऐतिहासिक जगह के “शुरुआती निवासियों” की पहचान करना है।
प्रमुख तथ्य
- बता दें कि ASI के तत्कालीन महानिदेशक बी बी लाल के निर्देशन में इस जगह की 1969 और 1973 के बीच खुदाई की गयी थी। इसके कई दशकों बाद ASI ने 2013-14 और 2017-18 में परिसर में खुदाई की।
- पिछले उत्खनन में खोजी गयी वस्तुओं और कलाकृतियों में 900 ईसा पूर्व के चित्रित धूसर मृदभांड (painted grey) के अलावा मौर्य से लेकर शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल तक के क्रमिक मृदभांड (earthen pottery) शामिल हैं।
- खुदाई की गई कलाकृतियां हैं: दरांती, तराशने या छाँटने का यंत्र, टेराकोटा के खिलौने, भट्ठे में जली हुई ईंटें, मनके, टेराकोटा की मूर्तियाँ, मुहरें आदि। ये किला परिसर के अंदर संग्रहालय में प्रदर्शित हैं।
- ASI के अधिकारियों के अनुसार, पुराना किला दिल्ली का एकमात्र स्थल है, जो 2,500 वर्षों तक मौर्य से लेकर शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल तक शासकों के अधिकारों में बना रहा।
पुराना किला के बारे में
- माना जाता है कि पुराना किला में वर्तमान गढ़ हुमायूँ और अफगान शेर शाह सूरी के अधीन बनाया गया था।
- यह किला हुमायूं के शासन के दौरान दीन पनाह शहर (Din Panah) का आंतरिक गढ़ था। हुमायूं ने 1533 में इसे पुनर्निर्मित किया और पांच साल बाद पूरा किया।
- सूरी वंश के संस्थापक शेर शाह सूरी ने 1540 में हुमायूं को हराकर किले का नाम शेरगढ़ रखा। अपने पांच साल के शासनकाल के दौरान उसने परिसर में कई और संरचनाएं जोड़ीं।
- पुराना किला और इसके आसपास के क्षेत्र “दिल्ली के छठे शहर” के रूप में फले-फूले।
- पुराना किला की एक प्रमुख संरचना 1542 ई में शेर शाह द्वारा निर्मित किला-ए-कुहना मस्जिद ( Qila-e-Kuhna mosque) है।
- पुराना किला के अंदर एक और प्रमुख संरचना शेर मंडल (Sher Mandal) है। माना जाता है कि इस संरचना का निर्माण शेर शाह ने लगभग 1541 CE में करवाया था। कहा जाता है कि हुमायूँ के सिंहासन पर पुनः कब्जा करने के बाद, उसने इस इमारत को एक पुस्तकालय में परिवर्तित कर दिया। शेर मंडल लाल बलुआ पत्थर से निर्मित एक कॉम्पैक्ट अष्टकोणीय संरचना है और इसे सफेद और काले संगमरमर की जड़ाई से सजाया गया है। इसी संरचना की सीढ़ियों से लुढ़क कर बादशाह हुमायूँ का निधन हो गया था।