जेब्राफिश: वैज्ञानिक अध्ययन के लिए मॉडल क्यों है?

जेब्राफिश की रीढ़ की हड्डी (backbone of zebrafish) में एक ऐसा प्रोटीन पाया जाता है जो उसके डिस्क के रखरखाव में सकारात्मक भूमिका निभाता है और मेरुदण्ड vertebrae में उम्रदराज डिस्क को फिर से पैदा करने में सक्षम होता है।

हाल के एक अध्ययन में कहा गया है कि कमजोर पड़ चुके मानव डिस्क फिर से पैदा करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में भी यह सहायक हो सकता है।

बता दें कि हमारी रीढ़ की हड्डी में 33 कशेरुकाएं/vertebrae (हड्डियों की शृंखला) होती हैं, और ये कशेरुकाएं डिस्क से जुड़ी रहती हैं। ये डिस्क प्राय: रबड़ की तरह होती है, जो हमारी रीढ़ की हड्डी को झटकों से बचाने और उसे लचीला रखने में मदद करती हैं।

आगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणे द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि अंतर-मेरुदंड डिस्क कोशिकाओं से स्रावित सेलुलर कम्युनिकेशन नेटवर्क फैक्टर 2a: Ccn2a) नामक एक प्रोटीन, कमजोर व उम्रदराज होते डिस्क में डिस्क को फिर से पैदा करने को उत्प्रेरित करता है तथा इसके लिए FGFR1-SHH (फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर-सोनिक हेजहोग/Fibroblast growth factor receptor-Sonic Hedgehog) पाथवे नामक तरीके को संशोधित करके कोशिका प्रसार करता है और कोशिका को संरक्षित करता है।

जेब्राफिश: वैज्ञानिक अध्ययन के लिए मॉडल क्यों है?

ज़ेब्राफिश (zebrafish) का मानव शरीर के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए कई वर्षों से उपयोग किया जाता रहा है और वैज्ञानिक स्टडी के लिए मॉडल जीव भी माना जाता है। इस मछली का उपयोग कशेरुकियों (vertebrates) के विकास का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।

1960 के दशक के बाद से, जेब्राफिश (डैनियो रेरियो) वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है। इसकी कई विशेषताएं हैं जो इसे मानव आनुवंशिकी और रोग के अध्ययन के लिए एक मूल्यवान मॉडल बनाती हैं।

ज़ेब्राफिश एक उष्णकटिबंधीय मछली है जो दक्षिण पूर्व एशिया की नेटिव प्रजाति है। अपने लार्वा चरणों में यह पारदर्शी होता है। इसके सम्पूर्ण जीनोम की सीक्वेंस 2013 में प्रकाशित हो चुकी है।

जेब्राफिश छोटी और मजबूत होती है। इनका रख-रखाव चूहों की तुलना में सस्ता है। ज़ेब्राफिश एक सप्ताह के अंतराल पर सैकड़ों संतान पैदा करती है जिससे वैज्ञानिकों को स्टडी के लिए अधिक मात्रा में भ्रूण उपलब्ध हो पाता है।

ये बहुत तेजी से बढ़ती हैं, एक दिन में उतना ही विकसित होते हैं जितना एक मानव भ्रूण एक महीने में विकसित होता है।

ज़ेब्राफिश भ्रूण लगभग पारदर्शी होते हैं जो शोधकर्ताओं को इसकी आंतरिक संरचनाओं के विकास की आसानी से स्टडी करने की अनुमति देते हैं। एक जीवित ज़ेब्राफिश भ्रूण में प्रत्येक रक्त वाहिका को कम क्षमता वाले महज एक माइक्रोस्कोप का उपयोग करके देखा जा सकता है।

चूंकि जेब्राफिश के अंडे निषेचित होते हैं और मां के शरीर के बाहर विकसित होते हैं, इसलिए यह प्रारंभिक विकास का अध्ययन करने के लिए एक आदर्श मॉडल जीव है।

ज़ेब्राफिश की आनुवंशिक संरचना मनुष्यों के समान है। ये मानव के साथ 70 प्रतिशत जीन साझा करते हैं। मानव रोग से जुड़े ज्ञात जीनों में से 84 प्रतिशत, जेब्राफिश में भी प्राप्त होते है

एक कशेरुकी (vertebrate) के रूप में, जेब्राफिश में मनुष्यों के समान प्रमुख अंग और ऊतक होते हैं। उनकी मांसपेशियां, रक्त, किडनी और आंखें मानव प्रणाली के साथ कई विशेषताएं साझा करती हैं। जेब्राफिश में हृदय की मांसपेशियों की मरम्मत करने की अनूठी क्षमता होती है।

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