इस्पात उद्योग में अपशिष्ट प्लास्टिक की खपत की संभावना मौजूद है-केंद्र सरकार

केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के अनुसार भारतीय इस्पात उद्योग द्वारा अपशिष्ट प्लास्टिक (Waste plastics) की खपत की संभावना मौजूद है।

  • कोक (coke) ईंधन बनाने में कोकिंग कोल (1% तक) के प्रतिस्थापन के रूप में अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग किया जा सकता है।
  • पेट कोक (pet coke) के प्रतिस्थापन के रूप में इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF) में मामूली मात्रा में अपशिष्ट प्लास्टिक भी जोड़ा जा सकता है। पेट्रोलियम कोक (पेट कोक), एक ठोस कार्बन सामग्री है जो कोयले के समान होती है; यह तेल शोधन प्रक्रिया का एक उपोत्पाद है।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम (PWM-2016) और बाद में किये गए संशोधन के अनुसार केवल “एंड-ऑफ-लाइफ डिस्पोजल” प्लास्टिक को इस्पात उद्योग में सह-प्रसंस्करण (co-processing) के लिए अनुमति दी जाती है और अन्य अपशिष्ट प्लास्टिक जिसे पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है, केवल रीसाइक्लिंग के लिए अनिवार्य किया गया है।
  • वर्तमान में, “एंड-ऑफ-लाइफ डिस्पोजल” अपशिष्ट प्लास्टिक की उपलब्धता एक प्रमुख बाधा है।
  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत, नगरपालिकाएं/स्थानीय निकाय प्लास्टिक अपशिष्ट के पृथक्करण, संग्रह, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान प्रणाली के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार हैं और ये जिम्मेदारी या तो वे स्वयं या एजेंसियों या निर्माताओं को नियुक्त करके निभा सकते हैं।
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